टी20 विश्व कप में मचा रही है धूम
शैफाली वर्मा ने टी20 विश्व कप में अब तक खेले गये 3 मैचों में 114 रन बना लिये हैं। इस दौरान उन्होंने महज 66 गेंदे खेली हैं और इस दौरान 8 छक्के और 11 चौके लगा चुकी हैं।
न्यूजीलैंड के खिलाफ रोमांचक जीत में शैफाली वर्मा ने अहम भूमिका निभाई और 34 गेंद में 46 रन की पारी खेली। इस युवा खिलाड़ी की विस्फोटक पारी की बदौलत भारतीय टीम 133 रन बनाने में कामयाब रही और गेंदबाजों के सामने उतने रन हो पाये जिसे बचाने में कामयाब हो सकी।
सहवाग भी हैं शैफाली की बल्लेबाजी के फैन
अपने जमाने में विस्फोटक बल्लेबाजी के लिये मशहूर भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग भी इस युवा खिलाड़ी के बल्लेबाजी के फैन हैं। वह आये दिन इस युवा खिलाड़ी के तारीफ में कसीदे पढ़ते नजर आते हैं। इतनी ही नहीं क्रिकेट फैन्स शैफाली को भारतीय महिला टीम की वीरेंद्र सहवाग भी कहकर पुकारते हैं।
टी20 विश्व कप में बांग्लादेश के खिलाफ जीत दर्ज करने के बाद वीरेंद्र सहवाग ने भारतीय टीम की तारीफ करते हुए शैफाली वर्मा को बेहद खास प्लेयर बताया था।
बॉलीवुड फिल्म 'हाउसफुल-4' के एक्टर शरद केलकर ने अपने ट्विटर अकांउट पर वीडियो शेयर करते हुए शैफाली की तुलना सहवाग से कहते हुए लिखा, 'यह लड़की चमत्कार है! शैफाली वर्मा मुझे वीरू पाजी(वीरेंद्र सहवाग) की याद दिलाती है। निडर।'
तोड़ चुकी हैं सचिन तेंदुलकर का 30 साल पुराना रिकॉर्ड
शैफाली वर्मा ने पिछले साल नवंबर में अपने डेब्यू के बाद महज 5वें टी20 मैच ही सचिन तेंदुलकर के 30 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया था। वेस्टइंडीज दौरे पर पहुंची भारतीय टीम के लिये अपना पांचवां टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल रही शेफाली वर्मा ने डैरेन सैमी स्टेडियम में 73 रनों की पारी खेली और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अर्धशतक लगाने वाली भारत की सबसे युवा खिलाड़ी बन गई हैं।
इससे पहले यह रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर के नाम था जिन्होंने 30 साल पहले 16 साल और 214 दिन की उम्र में अपना पहला टेस्ट अर्धशतक जड़ा था। शेफाली ने 15 साल और 285 दिन की उम्र में अपना पहला टी20 अर्धशतक लगाया और यह रिकॉर्ड अपने नाम किया।
सचिन तेंदुलकर की सुपरफैन है शैफाली
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सलामी और विस्फोटक बल्लेबाज शेफाली वर्मा बचपन से ही मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्श मानती हैं। शेफाली ने इस बारे में बात करते हुए लिखा था कि यह सचिन तेंदुलकर ही थे जिनकी वजह से वह इस खेल से जुड़ी और उन्हें ही अपना आदर्श मानती हैं। वह सचिन तेंदुलकर से इतना प्रभावित थी कि 6 साल पहले अपने गांव से दूर हरियाणा के लाहली में अपना आखिरी रणजी मैच खेलने पहुंचे मास्टर ब्लास्टर को सिर्फ देखने के लिये पिता के साथ पहुंची थी।