धोनी पर नहीं पड़ेगा ब्रेक का कोई भी असर
इस बीच आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) की टीम के कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने भी धोनी की वापसी को लेकर बड़ा बयान दिया और बताया कि कप्तान की तरफ से खेल से लिया गया यह ब्रेक उनके लिये काफी लाभदायक साबित हुआ है और अब वह तरोताजा होकर ज्यादा एनर्जी और बेहतर तकनीक के साथ आईपीएल में वापसी कर रहे हैं।
धोनी के लंबे समय से ब्रेक पर चलने को लेकर जब फ्लेमिंग से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा,' इसका कुछ फर्क नहीं पड़ा है, हालांकि इस ब्रेक से धोनी को फायदा हुआ है जिसका लाभ आईपीएल में अगले 53 दिनों तक हमारी टीम को मिलेगा। उनके लिये यह ब्रेक काफी जरूरी था। अब वह तरोताजा हो गये हैं और अपनी तकनीक को लेकर मानसिक रूप से ज्यादा दृढ़ नजर आयेंगे।'
बढ़ती उम्र में कारगर साबित होता है ब्रेक
चेन्नई सुपर किंग्स की आधिकारिक वेबसाइट पर इंटरव्यू देते हुए कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने बताया कि जब आपकी उम्र बढ़ती है तो कई बार यह ब्रेक आपके लिये कारगर साबित होता है, और चूंकि चेन्नई की टीम में ज्यादातर खिलाड़ी 35 से अधिक उम्र वाले हैं तो ऐसे में धोनी का तरोताजा रहना टीम के लिये फायदेमंद साबित होगा।
उल्लेखनीय है कि टीम में ज्यादातर खिलाड़ी 35 की उम्र के पड़ाव को पार कर चुके हैं, इसमें खुद कप्तान धोनी, शेन वॉटसन, केदार जाधव, ड्वेन ब्रावो और इमरान ताहिर का नाम शामिल है।
हमारे पास बूढ़े नहीं अनुभवी खिलाड़ी मौजूद हैं
वहीं कोच फ्लेमिंग का मानना है कि चेन्नई सुपर किंग्स की टीम को बूढ़ा कहने वाले लोगों को इस बात की समझ नहीं है कि उनकी टीम में बूढ़े नहीं बल्कि अनुभवी खिलाड़ी मौजूद हैं। अपनी बात के समर्थन में फ्लेमिंग ने कहा कि यह इन खिलाड़ियों का अनुभव ही है जो सही मौकों की पहचान करता है और दबाव में होने के बावजूद परिस्थितियों का सही आकलन करता है। यही वजह है कि टूर्नामेंट में हम कई बार करीबी जीत हासिल करते हैं और यह हमारे लिये काफी अहम भी है।
उन्होंने कहा, ' हमारे लिये टीम में अनुभव का होना कारगर साबित होता है और यही कारण है कि हमें इतने सारे करीबी मैचों में जीत हासिल हुई। क्योंकि हमारे खिलाड़ियों के पास प्रतिभा के साथ-साथ अनुभव भी काफी सारा है। अगर आप इसमें युवा खिलाड़ियों को भी शामिल कर लेते हैं तो एकदम सही संतुलन बना सकते हैं।'