जोस बटलर सही जा रहे थे पर...
जी हां, यह वही वानखेड़े स्टेडियम का मैदान है जहां चेन्नई और राजस्थान रॉयल्स के बीच 19 अप्रैल को मुकाबला हुआ और रॉयल्स की टीम लक्ष्य का पीछा करते हुए धराशाई हो गई। इस मैदान पर एक दिन पहले ही दिल्ली कैपिटल्स ने पंजाब किंग्स के खिलाफ 196 रनों का लक्ष्य भी हासिल कर लिया था। दरअसल वानखेड़े स्टेडियम में शाम को ओस पड़ती है जिस कारण गेंदबाजों की बखिया उधेड़ने में समय नहीं लगता हैं। इस बार भी मैच में काफी ओस पड़ रही थी और जोश बटलर की अगुवाई में राजस्थान रॉयल्स की टीम धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी। रविंद्र जडेजा के सातवें ओवर में ही जोस बटलर ने जिस तरीके से दो रिवर्स स्वीप लगाए उसको देखने के बाद यह माना जा रहा था इंग्लैंड का यह बल्लेबाज राजस्थान का बेड़ा पार करके ही दम लेगा।
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वो छक्का जो राजस्थान की हार का कारण बना-
इतने में गेंद भी गीली हो चुकी थी जिसको जडेजा पोछने लगे थे। ऐसी स्थिति में कप्तान अपने स्पिनरों को हटा देता है क्योंकि गेंद घूमती नहीं है और स्पिनरों को तगड़ी मार पड़ने की गुंजाइश बहुत रहती है। इसी मैच के 10वें ओवर में रविंद्र जडेजा ने पांचवीं गेंद नो-बॉल की और जॉस बटलर ने यह डीप मिडविकेट पर उड़ा दी। यह गेंद बेहतरीन तरीके से मैदान का सफर तय करते हुए सीधे दूर जाकर गिरी और अंपायर को नहीं मिली। यहां राजस्थान रॉयल्स के लिए मैच पलटना शुरू हो गया। दरअसल इसके बाद अंपायरों ने नई गेंद लेने का फैसला किया जिसके बाद महेंद्र सिंह धोनी की आंखें चमक उठी और उन्होंने विकेट के पीछे कहा- "यह बॉल सूखी है और अब यह घूमेगी।" यानी जिस बॉल ने अभी तक राजस्थान की उम्मीदें जिंदा रखी थी वह बटलर के छक्के के साथ खो चुकी थी।
छक्का लगाने के बाद मैच में ये हुआ-
अब नई सूखी बॉल का मतलब था कि रविंद्र जडेजा और मोईन अली जैसे स्पिनर फिर से अपनी करामात दिखा सकते थे और गेंद को घुमा सकते थे। इस सूखी गेंद से बॉलिंग करने के लिए जडेजा फिर से 12वें ओवर में आए और उन्होंने रन गति पर अंकुश लगाने की जगह विकेट लेने की ओर ध्यान दिया और महेंद्र सिंह धोनी के बताए मुताबिक बॉलिंग की। जडेजा ने गेंद को घुमाया इसका सीधा परिणाम उनको मिला और जॉस बटलर उस ओवर में बोल्ड आउट हो गए। इतना ही नहीं रविंद्र जडेजा को उस ओवर में एक और विकेट भी मिला। महेंद्र सिंह विकेट के पीछे जानते थे कि यह क्या हो रहा है और उन्होंने गेंद का पूरा फायदा उठाते हुए मोईन अली को भी अगले ओवर में लगा दिया। इसके बाद मोईन अली ने अगले 3 ओवरों में 3 विकेट चटकाए और चेन्नई सुपर किंग्स की जीत को लगभग पक्का कर दिया।
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स्पिनरों ने तब कहानी बदल दी जब वे पिटने वाले थे-
निश्चित तौर पर धोनी एक बेहतरीन कप्तान है लेकिन जगह बड़ी अजीबो-गरीब बात है कि राजस्थान रॉयल की हार में जॉस बटलर कहीं लगाया गया छक्का सबसे निर्णायक साबित हुआ। हम आपको आईपीएल के इस सीजन में वानखेड़े में वह आंकड़े बताते हैं जब गेंद नहीं बदली गई थी और स्पिनर बॉलिंग कर रहे थे। ऐसी स्थिति में आईपीएल 2021 में 48.4 ओवर फेंके गए हैं जबकि 429 रन बने हैं। इस दौरान स्पिनर केवल 4 ही विकेट लेने में कामयाब रहे हैं जबकि उनका औसत 109.75 रहा है। इतना ही नहीं स्पिनरों ने 9.02 के इकोनामी रेट से रन लुटाए।
अब आइए राजस्थान रॉयल्स की पारी में जोस बटलर के छक्के के बाद जब नई गेंद ली गई तो उसके बाद के आंकड़े देखते हैं। उस गेंद से 5.2 ओवर किए गए जिसमें 15 रन बने और 5 विकेट लिए गए। तीन का औसत निकाला गया जबकि 2.81 का इकॉनमी रेट था।