5 वीं फेल होने के बाद पिता ने क्रिकेट खेलने पर लगाया था बैन
विराट सिंह की बात करें तो बचपन से ही क्रिकेटर बनना चाहते थे। विराट सिंह झारखंड के पूर्व सिंहभूम (पहले बिहार) से आते हैं जो कि युवराज सिंह और पूर्व कप्तान एमएस धोनी को अपना आदर्श मानते हैं। हालांकि विराट सिंह का क्रिकेटर बनने का सपना बचपन में ही टूटने वाला था लेकिन कोच के समझाने के चलते वह बच गये। विराट सिंह के पिता एक ठेकेदार हैं, जिन्होंने अपने बेटे के 5वीं में फेल होने के बाद उनके क्रिकेट खेलने पर बैन लगा दिया था और उनका बैट छीनकर लॉकर रूम में बंद कर दिया था।
कोच वेंकटराम ने निखारा, 13 साल में किया डेब्यू
विराट सिंह के बचपन के कोच वेंकटराम ने उनके पिता को समझाकर इस खिलाड़ी के सपने को साकार किया। कोच वेंकटराम ने विराट सिंह के पिता को उन्हें खेलने देने के लिये समझाया और कहा कि यह आने वाले समय में बड़ा खिलाड़ी बनेगा। विराट सिंह ने अपने कोच के भरोसे को सही साबित करते हुए महज 13 साल की उम्र में झारखंड की अंडर-14 टीम में जगह बनाई और डेब्यू किया। इसके बाद महज 14 साल की उम्र में उन्होंने झारखंड की अंडर 19 टीम में जगह बना ली और अपने प्रदर्शन के दम पर महज 16 साल की उम्र में रणजी टीम में जगह बना ली।
सरपट दौड़ा है विराट सिंह का करियर, काउंटी से मिला फायदा
डेब्यू करने के बाद से ही विराट सिंह का करियर किसी एक्सप्रेस गाड़ी की तरह चल निकला था। 23 वर्षीय विराट सिंह ने महज 16 साल की उम्र में ईस्ट जोन की ओर से देवधर ट्रॉफी में खेला तो इसके बाद वो रुके नहीं। अपने शानदार प्रदर्शन के चलते विराट सिंह ने पहले इंडिया अंडर-19, इंडिया अंडर -23 और देवधर ट्रॉफी की इंडिया सी में जगह बनाने का काम किया और अंत में उनके शानदार प्रदर्शन का ईनाम उन्हें आईपीएल के रूप में मिला। जहां पर 20 लाख के बेस प्राइस वाले इस खिलाड़ी के लिये पंजाब और हैदराबाद के बीच भिड़ंत देखने को मिली और अंत में वो एक करोड़ 90 लाख की कीमत के साथ हैदराबाद से जुड़े। विराट सिंह ने अपने खेल में सुधार का श्रेय डरहम में खेली जाने वाली काउंटी क्रिकेट को दिया और कहा उससे काफी फायदा मिला।
ऐसा रहा है विराट सिंह का घरेलू करियर
विराट सिंह के करियर की बात करें तो वो अब तक 30 फर्स्ट क्लास, 45 लिस्ट ए और 61 टी20 मैच खेल चुके हैं। इस दौरान विराट सिंह ने 50 पारियों में 29.60 की औसत से 1394 रन बनाने का काम किया है। इस दौरान उनके बल्ले से 3 शतक और 4 अर्धशतक भी लगाये।
वहीं 45 लिस्ट -ए मैचों में एक शतक और 11 अर्धशतक की मदद से 1437 रन बनाये जिसमें उनका औसत करीब 37 का रहा है। वहीं टी20 मैचों में 38 की औसत से 1802 रन बनाने का काम किया है।