
टी-20 करियर के 1500 रन पूरे-
बता दें कि धोनी ही मैच में विकेट के पीछे दस्तानों की जिम्मेदारियां संभाल रहे थे। इन सबके बावजूद इस मैच में धोनी के नाम एक ऐसा रिकॉर्ड दर्ज हो गया जिसको वो याद नहीं रखना चाहेंगे। वेलिंग्टन टी-20 में 39 रनों की पारी के दौरान धोनी ने टी-20 करियर के 1,500 रन भी पूरे कर लिए लेकिन वे एक बार फिर से पारी के टॉप स्कोरर रहने के बावजूद टीम को जीत नहीं दिला सके।
VIDEO : T-20 क्रिकेट में पहली बार कोई बल्लेबाज इस तरह हुआ 'हिट विकेट'

उपलब्धि के बीच अनचाहा रिकॉर्ड-
यह धोनी के साथ पांचवीं बार था जब वह टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में 30 या उससे ज्यादा के स्कोर पर पहुंचे और टॉप स्कोरर बने लेकिन टीम को जीत नहीं दिला सके। धोनी ने इससे पहले साल 2012 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ क्रमशः 48 और 38 रनों की पारियां खेली और टॉप स्कोरर रहे लेकिन वे टीम को जीत दिलवाने में नाकामयाब रहे। इसके बाद धोनी ने कीवी टीम के खिलाफ नागपुर में साल 2016 में 30 रनों की पारी खेली लेकिन एक बार फिर से टीम नहीं जीत सकी। धोनी ने साल 2017 में इंग्लिश टीम के खिलाफ फिर नाबाद 36 रनों की पारी खेली और एक बार से टीम हारी। अब वेलिंग्टन में कीवी टीम के खिलाफ धोनी ने भारतीय पारी में सबसे ज्यादा 39 रन बनाए और भारत मैच हार गया।

सिक्के का दूसरा पहलू ये भी-
देखा जाए तो ऐसे आंकड़े कोई भी बल्लेबाज याद नहीं रखना चाहेगा। लेकिन इसका एक दूसरा पहलू ये भी है कि धोनी का बल्ला तब भी चलता है जब टीम के बाकी के बल्लेबाज सस्ते में धराशाई हो जाते हैं। इसके बावजूद भी ये एक ऐसा रिकॉर्ड है जिसको लेकर कई तरह की बातें हो सकती हैं। निश्चित रूप से एक फिनिशर बल्लेबाज के लिए इस तरह के आंकड़े थोड़े विरोधाभासी हैं। आपको बता दें कि कोच रवि शास्त्री ने हाल ही में धोनी के आलोचकों को आड़े-हाथों लिया है।