नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम और चयनकर्ताओं के बीच विवाद की खबरें आज से नहीं पिछले कई सालों से देखने को मिलती रही हैं और सबसे ताजा मामला कप्तान विराट कोहली को लेकर हुआ जिसमें उन्होंने साउथ अफ्रीका दौरे पर जाने से पहले खुलासा किया कि उन्हें कप्तानी से हटाने के फैसले के बारे में चयनकर्ताओं ने न सिर्फ डेढ़ घंटे पहले बताया बल्कि टी20 प्रारूप की कप्तानी छोड़ने के बाद उन्हें न छोड़ने की अपील किये जाने की जो भी बातें कही जा रही वह सिर्फ अफवाह है। कोहली के इस बयान के बाद काफी अफरा तफरी का माहौल बन गया, हालांकि बाद में गांगुली ने इसे आंतरिक रूप से सुलझाने की बात कह कर मामले को शांत किया।
इस बीच भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने टीम सेलेक्शन को लेकर एक नया बयान दिया है और टीम के हेड कोच और कप्तान के लिये एक खास अधिकार की मांग की। रवि शास्त्री के अनुसार बीसीसीआई को टीम सेलेक्शन के दौरान कप्तान और कोच के विचारों को प्रमुखता देने की मांग की है। उनका मानना है कि चयनकर्ताओं के अलावा टीम सेलेक्शन में टीम के हेड कोच और कप्तान के पास अपनी बात कहने का अधिकार दिया जाना चाहिये।
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स्टार स्पोर्टस से बात करते हुए रवि शास्त्री ने कहा,'मुझे लगता है कि टीम सेलेक्शन के दौरान कोच और कप्तान की राय को प्रमुखता देनी चाहिये, खासतौर से तब जब आपका होड कोच काफी अनुभवी हो। जब चयनकर्ता आधिकारिक टीम का ऐलान करें तो उन्हें कोच और कप्तान की बात सुननी चाहिये। मेरे समय में मैं था, फिलहाल राहुल द्रविड़ हैं और कप्तान भी, सेलेक्शन के दौरान उनकी बात जरूर सुननी चाहिये।'
उल्लेखनीय है कि 2019 विश्वकप की हार को लेकर रवि शास्त्री ने हाल ही में अपना बयान देते हुए कहा था कि मुझे टीम में 3 विकेटकीपर शामिल करने का तुक समझ नहीं आया, उसकी जगह हम अतिरिक्त बल्लेबाज को लेकर जा सकते थे और टीम को वो कामयाबी मिल सकती थी जो मिली नहीं, पर क्योंकि सेलेक्शन में कोच और कप्तान का कोई रोल नहीं होता है इस वजह से हम उस पर कुछ नहीं कह सकते थे।
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गौरतलब है कि रवि शास्त्री ने कहा था कि अगर उनकी राय मानी जाती तो वो 2019 विश्वकप में तीन विकेटकीपर के बजाय अंबति रायडु या फिर श्रेयस अय्यर को टीम में अतिरिक्त बल्लेबाज के रूप में शामिल करते। उल्लेखनीय है कि रवि शास्त्री के कार्यकाल में बल्लेबाजी कोच की भूमिका निभाने वाले संजय बांगर ने भी कहा था कि जब आप भारतीय टीम को सेलेक्शन देखते हैं तो उस पर हमेशा से ही आखिरी कॉल चयनकर्ता ही लेते हैं, हालांकि वो इसको लेकर हमेशा कोच और कप्तान से राय जरूर लेते हैं, जो भी चयन होता है उसमें दोनों की भागीदारी होती है, कोई एक व्यक्ति टीम का चयन नहीं करता है।
आपको बता दें कि कोच रवि शास्त्री ने 2021 के टी20 विश्वकप के बाद ही अपने 7 साल के कोचिंग करियर को समाप्त किया, जिसके दौरान उन्होंने भारतीय टीम को कई ऐतिहासिक जीत दिलाई, हालांकि इस दौरान भारतीय टीम का आईसीसी खिताब जीतने का सूखा जारी रहा।