लगातार 2 खिताब जीतने वाली पहली टीम बनी कर्नाटक
तमिलनाडु की टीम को फाइनल में हरा कर कर्नाटक की टीम ने लगातार 2 बार सैयद मुश्ताक अली का खिताब जीतने वाली पहली टीम बनने की ऐतिहासिक उपलब्धि अपने नाम कर ली है। कर्नाटक से पहले कोई भी टीम ऐसा नहीं कर पाई है। पंजाब की टीम ने लगातार 3 बार फाइनल में जगह बनाई है लेकिन खिताब जीत पाने में नाकाम रहे हैं। वहीं घरेलू टी20 टूर्नामेंट में लगातार सबसे ज्यादा मैच जीतने के मामले में भी कर्नाटक दुनिया की दूसरे नंबर की और भारत की पहली टीम बन चुकी है। उसने यह उपलब्धि इस साल अपने पहले मैच में जीत हासिल करने के साथ ही नाम की थी।
सबसे ज्यादा बार खिताब जीतने वाली टीम बनी कर्नाटक
कर्नाटक की टीम सैयद मुश्ताक अली टूर्नामेंट के खिताब को सबसे ज्यादा बार जीतने वाली टीम की लिस्ट में गुजरात और बड़ौदा के साथ संयुक्त रूप से पहले नंबर पर काबिज हो गई है। कर्नाटक की टीम ने पिछले साल ही इस ट्रॉफी को अपने नाम किया था और इस साल ट्रॉफी जीतकर वह सबसे ज्यादा बार खिताब जीतने वाले क्लब में गुजरात, बड़ौदा के साथ संयुक्त रूप से शामिल हो गई।
गुजरात और बड़ौदा की टीमों ने सबसे ज्यादा 2-2 बार इस खिताब को हासिल किया है।
13 साल बाद फाइनल में पहुंचा तमिलनाडु, 1 रन के चलते खिताब से चूका
तमिलनाडु की टीम ने 2006 में आयोजित हुए पहले सैयद मुश्ताक अली टूर्नामेंट में पंजाब को हराकर खिताब अपने नाम किया था जिसके लगभग 13 साल बाद उसे एक बार फिर से यह खिताब जीत पाने का मौका मिला। लेकिन नतीजा वही रहा जो इस साल विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में देखने को मिला था। रोमांचक फाइनल मुकाबले में कर्नाटक ने तमिलनाडु पर जीत दर्ज की और खिताब जीता। इतना ही नहीं कर्नाटक की टीम एक ही सीजन में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी का खिताब जीतने वाली पहली टीम बन गई है।
ऐसे जीती कर्नाटक की टीम
तमिलनाडु की टीम ने फाइनल मैच में टॉस जीतकर कर्नाटक को पहले बल्लेबाजी करने के लिए बुलाया। कर्नाटक ने पहले बल्लेबाजी करते हुए मनीष पांडे (60), रोहन कदम 35, देवदत्त पडिकल ने 32, लोकेश राहुल 22 और करुण नायर के 17 रनों की बदौलत 180 रनों का स्कोर खड़ा किया।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी तमिलनाडु की टीम की शुरुआत खराब रही और उसने 80 रन तक अपने चार विकेट गंवा दिए थे। हालांकि इसके बाद बाबा अपराजित और विजय शंकर ने 40 और 44 रनों की पारी खेलकर टीम को लक्ष्य के करीब पहुंचाया।
तमिलनाडु को अंतिम ओवर में जीत के लिए 13 रनों की दरकार थी और रविचंद्रन अश्विन तथा विजय शंकर क्रीज पर मौजूद थे। दोनों बल्लेबाज तमिलनाडु को लक्ष्य के करीब लेकर गए। अब उसे अंतिम दो गेंदों पर चार बनाने थे, लेकिन ऑफ स्पिनर कृष्णप्पा गौतम ने शानदार गेंदबाजी करते हुए तमिलनाडु को लक्ष्य तक नहीं पहुंचने दिया और कर्नाटक को एक रन की रोमांचक खिताबी जीत दिला दी।