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सुरेश रैना की वो 5 पारियां जिन्होंने नाजुक मौकों पर मैच भारत के पक्ष में पलट दिया

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। रैना ने एमएस धोनी के बाद जल्द ही घोषणा की। इस तरह से 15 अगस्त की शाम चेन्नई से चेन्नई सुपर किंग्स और भारत के दो दिग्गजों ने नीली जर्सी को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। फैंस के लिए अच्छी बात है है कि दोनों अभी पीली जर्सी में खेलते हुए दिखाई देंगे।

धोनी के तुरंत बाद रैना ने भी लिया संन्यास

धोनी के तुरंत बाद रैना ने भी लिया संन्यास

धोनी के संन्यास के बाद रैना ने कहा- "आपके साथ खेलना बहुत प्यारा था माही, मेरे दिल में गर्व के साथ, मैं इस यात्रा में आपके साथ शामिल होने का चयन करता हूं। धन्यवाद भारत। जय हिंद!," उन्होंने कहा।

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रैना एक ऐसे बाएं हाथ के ऊर्जावान बल्लेबाज थे जिन्होंने लंबे समय तक भारत के मध्य क्रम में प्रदर्शन किया और भारत के पक्ष में बदलकर अपनी योग्यता साबित की। रैना के संन्यास के मौके पर उनकी शीर्ष पांच पारियों पर एक नजर डालते हैं-

101 * बनाम दक्षिण अफ्रीका ग्रोस आइलेट, 2010

101 * बनाम दक्षिण अफ्रीका ग्रोस आइलेट, 2010

रैना ने 2010 में आईसीसी वर्ल्ड टी 20 में सिर्फ 60 गेंदों पर शतक जड़ने के लिए डेल स्टेन, मोर्ने मोर्कल और कैलिस जैसे गेंदबाजों की धुनाई की थी। इस पारी से पहले रैना अपनी प्रतिष्ठा के मुताबिक खेलने में नाकाम रहे थे। हालांकि, इस पारी ने रैना के लिए सब कुछ बदल दिया और वह खेल के तीनों प्रारूपों में शतक बनाने वाले पहले भारतीय बन गए।

110 बनाम जिम्बाब्वे, ऑकलैंड 2015

110 बनाम जिम्बाब्वे, ऑकलैंड 2015

यह पारी भले ही जिम्बाब्वे जैसी अपेक्षाकृत कमजोर टीम के खिलाफ आई, लेकिन इसे रैना के करियर की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक माना जाता है। 2015 विश्व कप में भारत के सामने 288 रनों का लक्ष्य रखा था, जो ब्रेंडन टेलर के शतक की बदौलत था। भारत ने दोनों सलामी बल्लेबाजों को सिर्फ 21 रनों के स्कोर पर खो दिया। रहाणे जब आउट हुए तब टीम 71 रन पर थी। सिर्फ 71 रन पर तीन विकेट गिर जाने के बाद रैना और एमएस धोनी ने पारी को संभाला और सुनिश्चित किया कि भारत के खिलाफ जिम्बाब्वे कोई उलटफेर ना कर पाए। रैना ने 110 रन बनाए, जबकि माही ने 85 रन बनाकर भारत को जिता दिया।

34 * बनाम ऑस्ट्रेलिया अहमदाबाद, 2011

34 * बनाम ऑस्ट्रेलिया अहमदाबाद, 2011

निश्चित तौर पर यह बहुत छोटी पारी है लेकिन इसका असर उतना ही बड़ा था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2011 विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में नॉट आउट 34, सुरेश रैना की बेहतरीन पारियों में से एक थी। यह एक दबाव मैच था और 12 ओवरों में 74 रन चाहिए थे, मैच दोनों तरफ जा सकते था। हालांकि, रैना ने युवराज सिंह के साथ एक महत्वपूर्ण साझेदारी की और भारत ने मैच जीत लिया।

कराची, 2008 में 116 * बनाम बांग्लादेश

कराची, 2008 में 116 * बनाम बांग्लादेश

सुरेश रैना की यह एशिया कप की पारी भी एक महत्वपूर्ण समय पर आई थी जब टीम एक सपाट ट्रैक पर 284 रनों का पीछा करते हुए 56 रन पर दो विकेट गंवा चुकी थी। रैना ने गौतम गंभीर और युवराज सिंह के साथ 139 रन की साझेदारी की और मैच विजयी 116 रन बनाए।

49 * सिडनी, 2016 में ऑस्ट्रेलिया

49 * सिडनी, 2016 में ऑस्ट्रेलिया

टी 20 में 197 का पीछा करना और वो ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम के खिलाफ आसान काम नहीं है। हालांकि, सुरेश रैना ने सुनिश्चित किया कि यह उनकी नाबाद 49 रनों की पारी के साथ ऐसा हो जाए। इस मुकाबले में रोहित शर्मा और विराट कोहली ने अपने-अपने अर्द्धशतक के साथ नींव रखी, यह रैना ही थे जिन्होंने भारत को खेल में बनाए रखा और जीत सुनिश्चित की।

Story first published: Sunday, August 16, 2020, 11:51 [IST]
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