कही ये बात
धूमल ने कहा, ''अगर आईपीएल नहीं होता है, तो क्रिकेट गतिविधियों को बनाए रखना मुश्किल होगा। यह बीसीसीआई के लिए सबसे बड़ा राजस्व प्रमुख है। आईपीएल और क्रिकेट की वजह से हम हर साल 2000 घरेलू मैच आयोजित करने में सक्षम हैं। यह घरेलू से लेकर जूनियर तक, अधिकारियों तक, हर क्रिकेटर के जीवन को प्रभावित करता है। यदि ऑस्ट्रेलिया इस वर्ष टी20 विश्व कप की मेजबानी करता है, तो हमने स्पष्ट रूप से इसे खेलने का मन नहीं बनाया है, लेकिन यदि ऐसा नहीं हो रहा है, तो सभी को जल्द ही सूचित किया जाना चाहिए ताकि हम आईपीएल को लेकर अन्य योजनाएं बना सकें।
BCCI पैसे के लिए परेशान नहीं है
इसके साथ ही धूमल ने यह भी साफ कर दिया कि बीसीसीआई पैसे को लेकर परेशान नहीं है, बल्कि अर्थव्यवस्था की बात है। धूमल ने कहा, ''कुछ लोगों का कहना है कि बीसीसीआई सिर्फ पैसे के लिए आईपीएल के बारे में परेशान है और हमारी आलोचना कर रहे हैं, लेकिन कोई भी इसके अर्थशास्त्र के हिस्से को समझने के लिए समय नहीं निकाल रहा है। यह केवल मनोरंजन के बारे में नहीं है, यह उस व्यवसाय के बारे में है जो इसे मिलता है और यह कई क्षेत्रों में रोजगार उत्पन्न करता है। यह कई क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा जो हमारे टूर्नामेंटों पर निर्भर हैं। और जाहिर है अगर आईपीएल होता है, तो खिलाड़ी की सुरक्षा सर्वोपरि होगी।''
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फिर से टाला गया निर्णय
बता दें कि आईपीएल और टी20 विश्व कप के भविष्य पर 10 जून को आईसीसी की बैठक होनी थी, लेकिन इसे टाल दिया गया। बैठक में यह तय करना था कि टी20 विश्व कप को स्थगित करना है या नहीं। अगर टी20 विश्व कप अगले साल तक जाता है तो फिर बीसीसीआई इस साल के अंत में आईपीएल करवाने के लिए तैयार है। बीसीसीआई स्टेडियम में बिना दर्शकों के टूर्नामेंट करवाने की सोच रहा है, बस इंतजार है तो आईसीसी के आखिरी फैसले का।