विश्व कप के लिए जद्दोजहद-
उसके बावजूद भी यह सीरीज एक तरह से कई खिलाड़ियों के लिए विश्व कप निर्धारक सीरीज साबित होने जा रही है। आईए देखते हैं इस सीरीज के जरिए किन खिलाड़ियों की किस्मत खुलने जा रही है और उनको किस तरह से मौका दिए जाने की आवश्यकता है। सबसे पहले तो हम टी-20 सीरीज मे मिली अप्रत्याशित हार के बाद कोहली के बयान पर गौर करेंगे जब उन्होंने कहा था कि उनकी टीम विश्व कप से पहले कुछ खिलाड़ियों को 'टेस्ट' करके देखना चाहती थी। कोहली के अनुसार विश्व कप के लिए टीम में जगह बनाने के दावेदार कुछ लोग अभी भी है इसलिए उनको मौका देना जरूरी था। गौरतलब है भारत ने टी-20 सीरीज में मयंक मार्कडेंय, सिद्धार्थ कॉल जैसे खिलाड़ियों के अलावा ऋषभ पंत और विजय शंकर को भी आजमाया था।
परफॉर्म करते ही रिजर्व ओपनर होंगे राहुल-
इनमें मयंक को छोड़कर बाकी खिलाड़ी वनडे सीरीज में भी शिरकत करते हुए दिखाई देंगे। वनडे सीरीज के लिए बात करते हुए कोहली ने यह भी कहा है हमारी विश्व कप के लिए परेफेक्ट टीम चुनने की खोज का मतलब यह नहीं है कि हम हर मैच जीत के लिए नहीं खेल रहे हैं। वनडे सीरीज में भी हम हर मैच में जीत के लिए ही खेलेंगे। हालांकि टीम वनडे सीरीज में भी विश्व कप के लिए संभावित खिलाड़ियों को आजमाने के क्रम से परहेज नहीं करेगी। केएल राहुल भी एक ऐसे ही बल्लेबाज हैं जो टीम की विश्व कप योजना में फिट होते हुए दिखाई दे रहे हैं। राहुल ने दोनों टी-20 मैच में दमदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने क्रमशः 50 और 47 रन की पारी खेली थी।
पंत के लिए अंतिम मौका-
राहुल इस प्रदर्शन की बदौलत ताजा आईसीसी टी-20 रैंकिंग में भी राहुल को चार स्थान का फायदा हुआ और अब वे नंबर 6 पर विराजमान हैं। राहुल विश्व कप के मद्देनजर टीम इंडिया के रिजर्व ओपनिंग बल्लेबाज हो सकते हैं। जबकि दूसरे दावेदार हैं ऋषभ पंत जिनको दिनेश कार्तिक के ऊपर तरजीह दी गई है। अगर पंत वनडे सीरीज में अपने प्रदर्शन में निरंतरता बरकरार रखते हैं तो उनकी भी विश्व कप में जगह पक्की हो सकती है। वैसे पंत की हालिया टी-20 सीरीज काफी खराब रही थी। उन्होंने दोनों मैचों में क्रमशः 1 और 3 रनों की पारियां खेली थी।
VIDEO : दूसरे छोड़ पर खड़े बल्लेबाज ने दिया ऐसा 'कैच' कि आउट हुआ पहला बल्लेबाज
'गेंदबाज' शंकर के लिए सीरीज अहम-
इसके अलावा केदार जाधव, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में अच्छी ऑलराउंडिग प्रतिभा का मुजायरा किया था, भी विश्व कप की रेस में शामिल हैं। जाधव की उपस्थिति के बावजूद टीम इंडिया अपने नियमित ऑलराउंडर्स विकल्पों पर भी गौर करना चाहेगी। जिसका मतलब होगा कि हार्दिक पांड्या, विजय शंकर और रविंद्र जडेजा जैसे खिलाड़ियों में इस स्पॉट के लिए तगड़ी प्रतियोगिता होगी। हालांकि पांड्या की फिटनेस के चलते शंकर और जडेजा के पास इस वनडे सीरीज में खेलने का बढ़िया मौका है। शंकर ने अभी तक मिले मौकों पर बल्लेबाज से तो प्रभावित किया है लेकिन बतौर गेंदबाज उनमें सुधार की काफी गुंजाइश नजर आती है।
सिद्धार्थ कौल के लिए जरूरी 'कॉल'-
जबकि जडेजा के सामने कुलदीप-चहल की ऐसी चुनौती है जिससे उभरना उनके लिए कतई आसान नहीं हैं। मतलब साफ है अगर उनको मौका मिलता है तो वे अपनी बल्लेबाजी से प्रभावित करने का अवसर छोड़ना नहीं चाहेंगे। वहीं तेज गेंदबाजी में बुमराह और शमी दो मुख्य तेज गेंदबाज फिलहाल विश्व कप के लिए दिखाई दे रहे हैं। खलील और सिराज अब तक प्रभाव छोड़ने में नाकामयाब रहे हैं। ऐसे में तीसरे सीमर के तौर पर भुवनेश्वर कुमार शामिल किए जाएंगे। लेकिन भुवी के फिटनेस के चलते सिद्धार्थ कॉल को जो मौका मिला है उसको वे वनडे सीरीज में भुनाना चाहेंगे। ऐसे में अगर बुमराह को आराम देकर कॉल को जगह दी जाती है तो ताज्जुब नहीं होगा।