नई दिल्ली। जापान की राजधानी टोक्यो में जारी ओलंपिक खेलों में रविवार को भारत और ग्रेट ब्रिटेन के बीच क्वार्टरफाइनल मैच खेला गया, जिसमें जीत हासिल करने वाली टीम को सेमीफाइनल में जगह मिलनी थी। भारतीय टीम ने इस मैच में ग्रेट ब्रिटेन को हराकर 48 साल में पहली बार सेमीफाइनल मैच में जगह बनाई है और इतिहास रच दिया है। भारतीय टीम आखिरी बार 1972 में सेमीफाइनल में पहुंची थी, भारत ने 1980 में गोल्ड मेडल जरूर जीता था लेकिन उस दौरान टूर्नामेंट राउंड रॉबिन प्रारूप में था जिसमें स्पेन के खिलाफ भारत ने जीत हासिल कर गोल्ड जीता था।
इसके साथ ही भारतीय टीम की हॉकी में पदक की उम्मीदों को और मजबूत कर दिया है। अब भारतीय टीम को सेमीफाइनल मैच में बेल्जियम के खिलाफ मैच खेलना है। भारत के लिये पहले क्वार्टर फाइनल के पहले क्वार्टर में सिमरनजीत सिंह और दिलप्रीत सिंह की जबरदस्त जुगलबंदी देखने को मिली और 7वें मिनट में भारतीय टीम ने पहला गोल दाग कर ब्रिटेन पर 1-0 की बढ़त हासिल कर ली।
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वहीं पर 11वें मिनट में भारत ने अपना वीडियो रेफरल खो दिया। भारतीय टीम के लिये 13वें मिनट में जबरदस्त खतरा आया जब ब्रिटेन की टीम गोल लगाने के करीब थी लेकिन पी आर श्रीजेश के जबरदस्त डिफेंस के चलते उनका यह प्रयास विफल हो गया। पहले क्वार्टर के बाद भारतीय टीम ने 1-0 की बढ़त हासिल की।
वहीं पर भारतीय टीम ने दूसरे हाफ की शुरुआत अटैक के साथ की और गुर्जंत सिंह ने पहले ही मिनट में ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ दूसरा गोल लगाकर बढ़त को 2-0 कर दिया। तीसरे क्वार्टर में भारतीय टीम ने शानदार डिफेंस बरकरार रखा और 13वें मिनट में दूसरा पेनाल्टी कॉर्नर मिला लेकिन सुरिंदर ने उसका जबरदस्त बचाव किया।
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वहीं पर आखिरी मिनट में एक और पेनाल्टी कॉर्नर मिला। जिसे बचाने के बाद ब्रिटेन को आखिरी 20 सेकेंडस में चौथा पेनाल्टी कॉर्नर मिला, जिसे बचाने के चक्कर में भारतीय टीम 5वां पेनाल्टी कॉर्नर दे बैठी और ब्रिटेन की टीम ने आखिरी सेकेंड में गोल कर लिया। तीसरे क्वार्टर के बाद भारतीय टीम की बढ़त 2-1 की हो गई। भारतीय टीम के लिये हार्दिक सिंह ने तीसरा गोल दागकर बढ़त को 3-1 किया।
गौरतलब है कि 1988 में जब भारतीय टीम सेमीफाइनल मुकाबले में पहुंचने वाली थी लेकिन आखिरी लीग मैच में ग्रेट ब्रिटेन ने भारतीय टीम को 3-0 से हराकर बाहर कर दिया था। भारतीय टीम ने टोक्यो 2020 में उसका बदला ले लिया और एस्ट्रो टर्फ की शुरुआत होने के बाद से यह पहली बार है जब भारतीय टीम ने ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ ओलंपिक खेलों में जीत हासिल की है।