नई दिल्ली। चीन में बुधवार से एशिया बैडमिंटन चैंपियनशिप शुरू हो रही है। भारत की नजरें एक बार फिर से अपनी स्टार शटलर्स साइना नेहवाल और पीवी सिंधु पर टिकी हैं। खास बात यह है कि भारत 54 साल से यह टूर्नामेंट जीतने में सफल नहीं रहा है। इससे पहले पुरुष सिंगल्स में दिनेश खन्ना ने 1965 में खिताब अपने नाम किया था।
पिछले साल भारत के साइना और एचएस प्रणय इस चैंपियंशिप में कांस्य पदक जीतने में कामयाब रहे थे लेकिन खिताबी जीत उनको नसीब नहीं हो पाई थी। साइना इस प्रतियोगिता की अनुभवी खिलाड़ियों में से एक हैं और उन्होंने साल 2010 और 2016 में भी कांस्य जीता था। भारत की एक अन्य स्टार खिलाड़ी पीवी सिंधु ने भी 2014 में इस टूर्नामेंट में कांस्य पदक अपने नाम किया था।
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भारत के लिए अच्छी बात यह है कि भारतीय खिलाड़ियों के सामने बड़ी चुनौती पेश करने वाली खिलाड़ी ताइ जू यिंग ने इस प्रतियोगिता से अपना नाम वापस ले लिया है। इसके बावजूद भी साइना और सिंधु के सामने अकाने यामागुची, चेन यूफेई, रत्चानोक इंतानोन और दूसरे खिलाड़ियों की चुनौती होगी।
सिंधू अपने अभियान की शुरुआत जापान की सायाका ताकाशी, जबकि साइना हान यूई के खिलाफ पहला मुकाबला खेलेगी। जबकि पुरुष वर्ग में किदांबी श्रीकांत और समीर वर्मा पर दारोमदार होगा। श्रीकांत पहले दौर में इंडोनेशिया के शेसर हिरेन के खिलाफ खेलेंगे।