नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक्स में भारत से जाने वाले 126 खिलाड़ियों के दल में स्टार टेबल टेनिस खिलाड़ी साथियान गनासेकरन का भी नाम शामिल है जिन्होंने पिछले कुछ सालों में लगातार शानदार प्रदर्शन कर खेलों के महांकुंभ में देश के लिये खेलने के अपने सपने को साकार कर लिया है। साथियान उन 4 खिलाड़ियों में शामिल हैं जो टेबल टेनिस में भारत का प्रतिनिधित्व करने पहुंचेंगे। साथियान के हालिया प्रदर्शन और फॉर्म पर नजर डालें तो इसके कोई शक नहीं कि वो टेबल टेनिस के खेल में भारत के लिये पहला पदक हासिल करते हुए नजर आ सकते हैं। साथियान भारतीय दल के उन खिलाड़ियों में शुमार है जिनसे फैन्स को इस साल पदक की काफी आशा है।
और पढ़ें: जब गांगुली को गाली देने के लिये भागकर आये थे एंड्रयू फ्लिंटॉफ, पूर्व इंग्लिश खिलाड़ी ने सुनाई कहानी
साथियान ने खेलों के महाकुंभ में भाग लेने के लिये टोक्यो रवाना होने से पहले माईखेल के साथ बात की और ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने के अपने सपने को साकार करने से लेकर तैयारियों से जुड़े कई सवालों का जवाब दिया। माइखेल से बात करते हुए साथियान ने बताया कि वो काफी सकारात्मक सोच और अभ्यास के साथ ओलंपिक्स का हिस्सा बनने जा रहे हैं, और उन्हें यकीन है कि दुनिया के सबसे बड़े मंच पर वो भारत के लिये पदक हासिल करने का सपना साकार करेंगे।
और पढ़ें: ICC Rankings: सिर्फ 7 दिन में ही मिताली राज से छिना नंबर 1 का ताज, जानें अब किस पायदान पर
पेश है माइखेल के साथ बातचीत के अंश
माईखेल: ओलंपिक के लिये क्वालिफाई करना आपका वो सपना था जिसके पूरा होने का आप काफी समय से इंतजार कर रहे थे और अब आप इस मेगा इवेंट का हिस्सा बनने जा रहे हैं तो कैसा महसूस कर रहे हैं।
साथियान: देश के लिये ओलंपिक में खेलना मेरे बचपन का सपना रहा है, जब से मैने खेलना शुरू किया तब से ओलंपिक्स के बारे में ही सोचा, आखिरकार मेरी मेहनत और बलिदान रंग लाई और मैं ओलंपिक में खेलने जा रहा हूं। यह लम्हा मेरे लिये भावना और उत्साह से भरा है। अपने सपने के पूरा होने पर जहां मैं भावुक हूं तो उसी वक्त ओलंपिक में खेलने के विचार को लेकर उत्साहित हूं। मेरे इस सपने को साकार करने में मेरे परिवार, मेरे कोच और सपोर्टिंग स्टाफ का योगदान रहा है। मेरे लिये एक मिडिल क्लास परिवार (जो कि पढ़ाई को महत्व देते हैं) से ओलंपियन बनने तक का सफर काफी यादगार रहा है। मैं काफी खुश हूं और मुझे उम्मीद है कि मैं अपने पहले ओलंपिक को यादगार बना सकूं।
माईखेल: ओलंपिक में पदक के लिये आप चेन्नई में तैयारियां कर रहे थे, इस दौरान देश को कोरोना वायरस की दूसरी लहर का सामना करना पड़ा, ऐसे हालात में आपने कैसे खुद को फिट रखा और क्या आप टोक्यो के लिये अपनी तैयारी से खुश हैं?
साथियान: जी हां, चेन्नई में पिछले 2-3 महीनों में मेरी तैयारी काफी जबरदस्त रही है। मेरे कोच रमन सर और मेरे साथी अनिर्बन घोष के साथ हमने रमन टीटी हाई पर्फॉर्मेंस सेंटर पर काफी मेहनत की और ओलंपिक को लेकर कई तरह के प्लान तैयार किये हैं। इसी वक्त मैं अपनी फिटनेस पर भी काम कर रहा था। रामजी श्रीनिवास मेरे शरीर को अच्छी तरह से समझते हैं तो हमें मेरी ताकत और स्टैमिना को बढ़ाने के लिये काफी मेहनत करनी पड़ी। इतना ही नहीं घर पर होने की वजह से मां के हाथों का खाना मिलता था जिसने मुझे काफी सकारात्मक बना दिया। चेन्नई से जाने के बाद मैंने अपना बेस्ट प्रदर्शन किया फिर चाहे वो विश्व कप हो, ऑस्ट्रिया ओपन हो या फिर नेशनल चैम्पियनशिप हो जहां पर मैंने जीत हासिल की। मैं अपनी लय को बरकरार रखना चाहूंगा। हालांकि मैं कुछ मैच जरूर खेलना चाहता था लेकिन परिस्थितियां आपको ऐसा करने की मंजूरी नहीं देती हैं, ऐसे में ओलंपिक्स के लिये जिस तरह की ट्रेनिंग मुझे मिली वह काफी शानदार रही।
माईखेल: आपने पिछले साल जापानीज टी लीग में हिस्सा लिया था तो आपको क्या लगता है कि इससे ओलंपिक्स में कैसे फायदा मिलेगा और इस साल के अंतर्राष्ट्रीय अनुभव से कैसे आप अपने विरोधियों पर बढ़त हासिल करेंगे।
साथियान: भले ही मुझे इस साल अंतर्राष्ट्रीय मैचों में खेल पाने का मौका कम मिला लेकिन जब भी मिला मैंने शानदार प्रदर्शन किया, खासतौर से ओलंपिक क्वालिफॉयर्स में, जहां पर मैंने अपने ग्रुप में टॉप पर रहते हुए क्वालिफाई किया। मैं शुक्रगुजार हूं जापान और पोलिश लीग का जिनकी बदौलत मुझे मैच प्रैक्टिस का मिल सका। जापान की टी-लीग मेरे करियर के सबसे कठिन टूर्नामेंट में से एक रही है तो जाहिर है कि मुझे इससे काफी मदद मिली। क्वालिफायर मैच, टी लीग में टॉप खिलाड़ियों के साथ खेलना और फिर ट्रेनिंग से मुझे लगता है कि टोक्यो की तैयारी में काफी मदद मिली है और मैं टोक्यो में अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब रहूंगा।