नई दिल्लीः पीवी सिंधु से भारत को बैडमिंटन में पदक की पूरी उम्मीद है। टोक्यो ओलंपिक काउंटडाउन भी स्टार्ट हो चुका है लेकिन पीवी सिंधु के लिए पदक जीतने का रास्ता इस बार बड़ा टेढ़ा है। उनको जापान की अकाने यामागुची के खिलाफ संभावित क्वार्टर फाइनल में खेलना पड़ सकता है जिससे पार पाना चुनौती वाला काम है।
पिछली बार जब ये दोनों महिला खिलाड़ी एक दूसरे के खिलाफ खेली थी तो सिंधु ने यामागुची ऑल इंग्लैंड में तीन सेटों में हराया था। यह 2021 में सिंधु के लिए के सर्वश्रेष्ठ फाइटिंग मैच में एक महत्वपूर्ण परिणाम था। यामागुची कभी ना थकने वाली खिलाड़ी के तौर पर गिना जाता है, ऐसे में सिंधु ने शुरुआत में आत्मविश्वास-बूस्टर हासिल किया था।
सच यह है अगर सिंधु यामागुची को हरा भी देती हैं तो और भी अधिक घातक प्रतिद्वंद्वी चीनी ताइपे की ताई त्ज़ु यिंग या ओज़िंग इंतानोन रत्चानोक का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।
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सिंधु का आधा ड्रा बड़े पदकों की तलाश में घूम रहे शटलरों से भरा हुआ है। भारतीय स्टार ने पिछली प्रतियोगिताओं में उन्हें जीत से वंचित करने में भूमिका निभाई है। ताई त्ज़ु रियो ओलंपिक से बाहर हो गईं और सिंधु द्वारा 2019 विश्व चैंपियनशिप से बाहर हो गईं। इन शटलरों की अधूरी महत्वाकांक्षाओं से सिंधु को जूझना होगा जिनके लिए टोक्यो आखिरी मौका होगा।
ड्रॉ के दूसरे भाग में चीनी चेन युफेई, हे बिंगजियाओ, कोरियाई एन से यंग और गोल्ड की पक्की दावेदार नोजोमी ओकुहारा हैं।
एक स्वर्ण पदक के लिए आपको ड्रॉ में किसी और के खिलाफ अपनी ताकत साबित करने ही होती है और सिंधु के पास क्वार्टर में यामागुची के खिलाफ संभावित भिड़त होने से पहले ही कुछ मुश्किल बाधाएं हैं। भारतीय स्टार को ग्रुप जे में हांगकांग की चेउंग नगन यी के साथ रखा गया है, जिनकी कलाबाजी को आसानी से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
डेनमार्क की मिया ब्लिचफेल्ड को मार्च की शुरुआत में आसानी से किनारे कर दिया गया था, लेकिन वे विशेष रूप से उग्र हो सकती है। 16 प्रतिद्वंद्वी के इस दौर में सिंधु को शायद चैन की सांस लेने का भी मौका ना मिलने जा रहा है।