नई दिल्ली। भारत की स्टार मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम ने इतिहास रच दिया। मंगलवार को एआईबीए महिला विश्व चैंपियनिशप में मैरी कॉम ने अपना सातवां पदक पक्का कर लिया। लाइट फ्लाईवेट (48 किग्रा वर्ग) में मैरी कॉम ने चीन की वू यू को 5-0 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई।
इस जीत के साथ ही 35 वर्षीय और तीन बच्चों की मां मैरी कॉम ने इतिहास रच दिया। महिला मुक्केबाजी के इतिहास में मैरी कॉम सबसे सफल खिलाड़ी बन गईं हैं। सेमीफाइनल में जगह बनाकर मैरी कॉम ने कम से कम कांस्य पदक तो पक्का कर लिया है।
मैरी कॉम ने प्रीक्वॉर्टर फाइनल में कजाखस्तान की ऐजरिम कासेनायेवा को 5-0 से हराया था। नई दिल्ली में खेली जा रही विश्व चैंपियनशिप में 35 वर्षीय मैरी कॉम सातवीं बार हिस्सा ले रही हैं। वह पांच बार की विश्व चैंपियन, ओलिंपिक कांस्य पदक विजेता और एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता हैं।
12 साल पहले दिल्ली में जीत चुकी हैं गोल्ड:
मैरीकॉम ने तीन किग्रा भार वर्ग में पांच स्वर्ण पदक जीते हैं। उन्होंने एक बार (2002) 45 किग्रा भार वर्ग में, तीन बार (2005, 2006, 2008) 46 किग्रा भार वर्ग में और एक बार (2010) 48 किग्रा भार वर्ग में स्वर्ण जीता है। दिल्ली में 2006 में हुई वर्ल्ड वुमन्स बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में मैरीकॉम ने गोल्ड जीता था। 35 साल की मैरीकॉम ने आखिरी बार 2010 में विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था।