ये था विवादः बीसीसीआइ और मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के बीच मैच टिकट को लेकर विवाद चल रहा था। दरअसल एमपीसीए अपने सदस्यों को चार-चार मुफ्त पास देता है। बीते दिनों संविधान संशोधन के लिए हुई बैठक के दौरान जब सदस्यों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत मुफ्त पास की संख्या कम होने की जानकारी दी गई थी तो जमकर हंगामा हुआ था। कुछ सदस्यों ने नाराजगी जताते हुए सचिव मिलिंद कनमडीकर से विवाद भी किया था। इसी तरह की व्यवहारिक समस्या अन्य राज्य संघों के सामने भी है। गौरतलब हो कि बीसीसीआइ ने एमपीसीए से करीब 1250 पास मांगे थे, जिसे देने में एमपीसीए को व्यवहारिक दिक्कतें आ रही थीं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत 10 प्रतिशत पास ही दिए जा सकते हैं। बीसीसीआइ को पवेलियन के पास चाहिए थे और मुख्य पवेलियन की क्षमता 7200 है। ऐसे में पवेलियन के 720 से ज्यादा मुफ्त पास नहीं दिए जा सकते। एमपीसीए ने इस मामले में बोर्ड को अपना रख स्पष्ट करने के लिए कई बार रिमाइंडर भेजा था। हालांकि एमपीसीए और बीसीसीआइ के बीच टिकटों का ये विवाद नहीं सुलझा और अब दूसरे वनडे मैच को 24 अक्टूबर को विशाखापत्तनम शिफ्ट कर दिया गया है।