नई दिल्लीः अफगानिस्तान के स्टार लेग स्पिनर राशिद खान ने विश्व समुदाय से अपील की है कि अफगानिस्तान में हो रहा खून-खराबा बंद कराएं। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एयरपोर्ट पर गुरुवार को हुए बम धमाकों के बाद अफगान क्रिकेटर राशिद खान ने भावुक अपील की है। राशिद खान अभी इंग्लैंड में हैं, लेकिन उनका परिवार अभी अफ़ग़ानिस्तान में ही है।
गुरुवार शाम काबुल हवाई अड्डे पर हुए घातक आतंकी हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, राशिद ने टूटे दिल से ट्विटर पर लिखा, "काबुल में फिर से खून बह रहा है, कृपया अफगान को मारना बंद करें।"
गुरुवार को हुए कई बम धमाकों में बच्चों समेत 73 लोग मारे गए थे। मरने वालों में 13 अमेरिकी सेवा कर्मी भी शामिल हैं।
एक बयान में, तालिबान ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह "अमेरिकी बलों द्वारा नियंत्रित" क्षेत्र में हुआ।
सोशल मीडिया पर राशिद की विश्व समुदाय और नेताओं से यह दूसरी अपील है। 10 अगस्त को उन्होंने 'विश्व के नेताओं से अनुरोध किया कि वे उनके देशवासियों को अराजकता में न छोड़ें'।
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राशिद ने ट्वीट किया था, "प्रिय विश्व नेताओं! मेरा देश अराजकता में है, बच्चों और महिलाओं सहित हजारों निर्दोष लोग हर रोज शहीद हो जाते हैं, घर और संपत्ति नष्ट हो जाती है। हजारों परिवार विस्थापित हो जाते हैं। हमें अराजकता में मत छोड़ो। अफगानों को मारना और अफ़ग़ानिस्तान को नष्ट करना बंद करो। हम शांति चाहते हैं। "
Kabul is bleeding again 😢😢💔💔
— Rashid Khan (@rashidkhan_19) August 26, 2021
STOP KILLING AFGHAN PLEASE 🙏🙏😢😢🇦🇫🇦🇫
अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की घोषणा के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है।
इसका असर क्रिकेट पर भी पड़ा है। अगले महीने श्रीलंका में होने वाली पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच एकदिवसीय श्रृंखला अगले साल तक के लिए स्थगित कर दी गई है। तालिबान ने कहा था कि वे देश में पुरुष क्रिकेट में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। हाल के वर्षों में अफगानिस्तान विश्व क्रिकेट में एक उभरती हुई टीम साबित हुई है।
इस सप्ताह की शुरुआत में, पूर्व प्रमुख अज़ीज़ुल्लाह फ़ाज़ली को अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) का कार्यवाहक अध्यक्ष नामित किया गया था।
एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि माना जाता है कि यह जटिल हमला इस्लामिक स्टेट समूह द्वारा किया गया था। अफगानिस्तान में आईएस से जुड़े संगठन तालिबान की तुलना में कहीं अधिक कट्टरपंथी है। दूसरी ओर तालिबान ने हमले की निंदा की है।