बताई उम्र को लेकर हुई हेराफेरी की वजह
अफरीदी ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू के दाैरान उम्र को लेकर हुई हेराफेरी की असली वजह बताते हुए कहा, 'जब वह अंडर-14 के ट्रायल में हिस्सा लेने पहुंचे थे उस वक्त उन्हें खुद अपनी उम्र का अंदाजा नहीं था और इसी वजह से उनकी उम्र को लेकर सारी गलतफेहमी शुरू हुई। मैं जब टीम का हिस्सा बनने के लिए पहुंचा तो सिलेक्टर्स को मैने वही उम्र बताई जो मुझे बताने के लिए किसी ने पहले कही थी। उस समय फिर वही उम्र क्रिकेट बोर्ड में दर्ज हो गई।'
अफरीदी को कोई पछतावा नहीं
वहीं पाकिस्तान के ही कई पूर्व दिग्गज क्रिकेटरों ने अफरीदी की उम्र पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि अफरीदी ने उम्र को लेकर सबसे झूठ बोला है। उनका कम उम्र में सबसे तेज शतक लगाने का रिकाॅर्ड दर्ज करने के लायक नहीं है। ऐसे में अफरीदी ने कहा कि उन्हें कम उम्र बताने का कोई पछतावा नहीं है। उन्होंने कहा, 'मुझे कोई पछतावा नहीं है क्योंकि साल 1996 से चाहे मेरी उम्र जो भी हो सबसे तेज शतक बनाने का रिकॉर्ड मेरे नाम पर ही दर्ज है। इस पाकिस्तान के पूर्व कप्तान की किताब रिलीज से पहले ही खबरों में बनी हुई है। मेरा जन्म मरदान के गांव में हुआ था और उस वक्त वहां जन्म की तारीख का रिकॉर्ड या बर्थ सर्टीफीकेट जैसी कोई चीज नहीं होती थी।"
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जन्म का साल नहीं जानते थे
अफरीदी ने कहा कि जब मेरा परिवार कराची शिफ्ट हुआ, उस वक्त मैं सिर्फ अपने जन्म का महीना और तारीख जानता था लेकिन मुझे साल का अंदाजा नहीं था। और इसलिए अंडर-14 ट्रायल के समय गलत साल रिकॉर्ड हो गया। बता दें कि अफरीदी ने अपनी आत्मकथा 'गेम चेंजर' में अपना जन्म 1977 लिखा है लेकिन किबात के बाहरी पन्ने पर 1977 लिखा गया है। अफरीदी ने कहा कि वह किताब में छपी उम्र को सही करवाने की बात कर चुके हैं।