आईसीसी के प्रस्ताव पर जानें क्या बोले आशीष नेहरा
आईसीसी की ओर गेंद को चमकाने के लिये आर्टिफिशियल चीजों के इस्तेमाल के प्रस्ताव को पूरी तरह से खारिज करते हुए आशीष नेहरा ने कहा कि गेंद पर थूक या पसीने की जगह वैसलीन या कोई क्रीम नहीं ले सकती।
उन्होंने कहा,'एक बात ध्यान रखिए, अगर आप गेंद पर थूक या पसीना नहीं लगाएंगे तो गेंद स्विंग नहीं करेगी। यह स्विंग गेंदबाजी की सबसे अहम चीज है। जैसे ही गेंद एक तरफ से खुरच जाती है तो दूसरी तरफ से पसीना और थूक लगाना पड़ता है।'
नेहरा ने बताया कैसे तेज गेंदबाजों को थूक से मिलती है मदद
आशीष नेहरा ने थूक और आर्टिफिशियल चीजों में अंतर को समझाते हुए बताया कि आखिर कैसे थूक (सलाइवा) की मदद से तेज गेंदबाज को मदद मिलती है और अगर इसका इस्तेमाल नहीं होगा तो क्या नुकसान हो सकता है।
उन्होंने कहा, ‘अब समझिए कि थूक की जरूरत क्यों पड़ती है? पसीना थूक से ज्यादा भारी होता है लेकिन दोनों मिलाकर इतने भारी होते हैं कि ये रिवर्स स्विंग के लिए गेंद की एक तरफ को भारी बनाते हैं। वैसलीन इसके बाद ही इस्तेमाल की जा सकती है, इनसे पहले नहीं। क्योंकि यह हल्की होती है, यह गेंद को चमका तो सकती है लेकिन गेंद को भारी नहीं बना सकती।'
हरभजन ने उठाया सवाल, कहा-किस हद तक होगा जायज
हरभजन सिंह ने भी आशीष नेहरा की बात से सहमति जताते हुए कहा कि थूक ज्यादा भारी होता है और अगर आपने मिंट खायी हो तो शुगर की वजह से और ज्यादा भारी हो जाता है। ऐसे में जब आप आर्टिफिशियल चीजों का इस्तेमाल करने की बात करते हैं तो यहां पर देखना होगा कि विकल्प क्या है।
उन्होंने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि ‘मिंट' को मुंह में डाले बिना ही इस्तेमाल किया जा सकता है। शुगर के थूक में मिलने की वजह से ही यह गेंद को भारी बनाता है। खुरची हुई गेंद भी स्पिनरों के लिए अच्छी होती है जिससे इसे पकड़ना बेहतर होता जबकि चमकती हुई गेंद ऐसा नहीं कर सकती। लेकिन मेरा सवाल है कि अगर आप अनुमति देते हो तो इसकी सीमा क्या होगी?'
आकाश चोपड़ा ने किया आईसीसी का समर्थन, लेकिन पूछी हद
वहीं भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज और मशहूर कॉमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने आईसीसी के इस प्रस्ताव को अपना समर्थन दिया लेकिन यह भी सवाल किया कि इसकी सीमा कहां तक सीमित होगी। चोपड़ा ने कहा कि आईसीसी जब तक यह नहीं बताती कि कृत्रिम पदार्थ क्या होंगे, तब तक कुछ भी कहना बेकार है।
उन्होंने कहा, ‘मुझे हमेशा लगता है कि ‘मिंट' के इस्तेमाल में समस्या नहीं होनी चाहिए। लेकिन अब वे इसे भी अनुमति नहीं देना चाहते। लेकिन अगर आप नियम बदलोंगे तो फिर उन्हें नाखून और वैसलीन का इस्तेमाल करने दीजिए लेकिन यह सब कहां खत्म होगा, भगवान ही जानता है।'