आखिर क्या हुआ ऐसा?
दरअसल, इस मैच में भी खराब अंपायरिंग देखने को मिली, जिससे वार्नर की किस्मत तो चमक गई, लेकिन इंग्लैंड खेमा बड़ी विकेट हासिल करने से चूक गया। हुआ ऐसा कि पारी का 13वां ओवर बेन स्टोक्स फेंक रहे थे। इस ओवर की चाैथी गेंद पर स्टोक्स ने वार्नर को सीझा बोल्ड कर दिया। इसी के साथ पूरा इंग्लैंड खेमा जश्न मनाने में डूब गया, लेकिन मैदानी अंपायर ने नो बाॅल चेक करवाने का फैसला किया जिसमें साफ दिखा कि स्टोक्स का पैर क्रीज से काफी बाहर गया और अंपायर ने नो बाॅल करार देते हुए वार्नर को एक जीवनदान दे दिया।
फिर सामने आई ऐसी घटिया अंपायरिंग
गेंद नो बाॅल होने से वार्नर आउट होने से बच गए, लेकिन हैरानी तब हुई जब बाद में देखा गया कि स्टोक्स ने जो पहली तीन गेंदें फेंकी थी वो भी बड़ी नो बाॅल थीं। लेकिन ना मैदानी अंपायर ने इनकी ओर ध्यान दिया, ना ही थर्ड अंपायर ने। अगर स्टोक्स को पहले ही पता लग गया होता कि उनका पैर काफी बाहर जा रहा है तो हो सकता था कि वो गलती सुधारते हुए दोबारा नो बाॅल ना करते, लेकिन नो बाॅल उसी समय दी गई जब स्टोक्स ने वार्नर को आउट किया। सवाल यह है कि यदि वार्नर बोल्ड ना हुए होते तो क्या तब भी नो बाॅल गेंद को नजरअंदाज किया जाता? लगातार तीन नो बाॅल होने पर भी ना ही मैदानी अंपायर और ना ही थर्ड अंपायर का ध्यान गया। लेकिन जब विकेट गई तो थर्ड अंपायर का ध्यान गया। इससे बल्लेबाज को फायदा तो हुआ, लेकिन गेंदबाज को अंदाजा नहीं होगा कि वो लगातार नो बाॅल फेंक रहा है। अगर अंपायर ने पहले ही नो बाॅल दे दी होती तो स्टोक्स जरूर अपना रनअप सही करते। खैर, फिर से मैदान पर घटिया अंपायरिंग देखने को मिली है।
|
मिले जीवनदान का वार्नर ने उठाया फायदा
ऑस्ट्रेलिया के एशेज प्रसारक 'चैनल 7' ने बताया किया कि स्टोक्स ने मैच के दूसरे दिन गुरुवार को 14 बार अपना पांव क्रीज से आगे रखा था लेकिन केवल दो बार ही नो बॉल दी गई। इसके अलावा पूर्व अंपायर साइमन टॉफेल ने सेवेन क्रिकेट से बात करते कहा, "उनका (यानी कि थर्ड अंपायर) काम हर गेंद को चैक करना है। मैं इसे बयां नहीं कर सकता।" वहीं ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने भी इसे 'खराब अंपायरिंग' बताया है। हालांकि, मिले जीवनदान का बाद में वार्नर ने पूरा फायदा उठाया। वार्नर जब किस्मत से पवेलियन लाैटने से बचे तो ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 30 था, जबकि वार्नर 17 रन बनाकर खेल रहे थे। लेकिन जीवनदान मिलने का फायदा वार्नर ने पूरा उठाया। उन्होंने अपने टेस्ट करियर का 31 अर्धशतक पूरा किया। उनके साथ दूसरे विकेट के लिए मार्कस लाबुछाने ने मिलकर 156 रनों की साझेदारी कर इंग्लैंड पर दवाब बनाने में अहम योगदान दिया।