नई दिल्लीः यह अभी भी पक्का नहीं था कि ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीम अपने देश की ऐसी पहली टीम बन जाएगी जो ब्लैक लाइव्स मैटर के मामले में घुटनों के बल झुककर अपनी सपोर्ट देगी। लेकिन आरोन फिंच की टीम ने सबको सरप्राइज करते हुए ऐसा हुआ। यह वाकया तब हुआ शनिवार को सेंट लूसिया में वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 मुकाबला खेला जाना था।
दोनों ही टीमों के खिलाड़ियों ने इस भाव को दर्शाया और ऐसा ही उनके सपोर्ट स्टाफ ने किया।
ऑस्ट्रेलियाई टीम के एक बयान में कहा गया है कि वे "नस्लीय अन्याय और भेदभाव की निंदा करने में" विंडीज के साथ खड़े हैं।
"एक टीम के रूप में हम खुद को शिक्षित करना जारी रखेंगे, जहां संभव हो सहायता प्रदान करेंगे, और उन लोगों के लिए जागरूकता पैदा करेंगे जो नस्लीय अन्याय, और / या किसी भी रूप में भेदभाव के शिकार हैं।"
Wimbledon 2021: 7वीं बार विंबलडन के फाइनल में पहुंचे जोकोविक, इटली के बेरेटिनी से होगा मुकाबला
बयान में आगे कहा गया, "हम उन सभी लोगों को पहचानने और अपना समर्थन दिखाने के लिए अपने वेस्टइंडियन दोस्तों के साथ घुटने टेकते हैं, जो अतीत और वर्तमान में नस्लीय अन्याय और / या भेदभाव के शिकार हुए हैं।"
यह पता नहीं है कि ऑस्ट्रेलिया बाकी सीरीज में भी ऐसे घुटने टेकना (kneeling) जारी रखेगा या नहीं।
ऑस्ट्रेलिया के कप्तान आरोन फिंच ने गुरुवार को होटल में प्री-सीरीज कप्तान के फोटोशूट के दौरान पोलार्ड के साथ घुटने टेकने का मुद्दा उठाया था।
पोलार्ड ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि वह नहीं चाहते कि विपक्षी टीमें सिर्फ इसलिए घुटने टेकें क्योंकि "वेस्टइंडीज ऐसा कर रही है।"
इससे पहले घुटने ना टेकने के चलते ऑस्ट्रेलिया टीम की आलोचना हो चुकी है। विंडीज दिग्गज माइकल होल्डिंग ने पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ सीमित ओवरों की सीरीज के दौरान ऐसा नहीं करने के लिए कंगारूओं को खूब खरी-खोटी सुनाई थी।