नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने क्यूरेटर और मैच अधिकारियों की सैलरी दोगुनी कर दी है। बीसीसीआई ने तीन राष्ट्रीय चयनकर्ताओं का वेतन बढ़ाने के साथ ही अंपायर, स्कोरर और वीडियो विश्लेषकों की फीस भी दोगुनी करने का फैसला किया है। सबा करीम की अध्यक्षता वाली बीसीसीआई की क्रिकेट संचालन विंग ने यह फैसला लिया है। वहीं सीओए को भी लगता है कि मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद एंड कंपनी को उनकी सेवाओं का फायदा मिलना चाहिए। दिलचस्प बात है कि बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी वेतन बढ़ाने के फैसले से अवगत नहीं थे।
बीसीसीआई के जीएम (क्रिकेट ऑपरेशंस) सबा करीम की सिफारिश के बाद 12 अप्रैल को अपनी बैठक में प्रशासकों की समिति (सीओए) ने ये निर्णय लिया था। बीसीसीआई की वेबसाइट पर 12 अप्रैल की मीटिंग के 'मिनट ऑफ मीटिंग' के अनुसार, "सीओए को सूचित किया गया था कि पांच जोनल क्यूरेटर और सहायक क्यूरेटर हैं, जिन्हें वर्तमान में 6 लाख रुपये प्रतिवर्ष और 4.2 लाख रुपये प्रति वर्ष सैलरी दी जाती है। यह शुल्क 2012 में तय किया गया था, और तब से इसमें वृद्धि नहीं हुई है। उन्होंने (करीम) ने सिफारिश की है कि पांच जोनल क्यूरेटर के लिए सैलरी प्रति वर्ष 12 लाख रुपये और पांच सहायक क्यूरेटर के लिए 8.4 लाख रुपये सालाना होगी।"
बीसीसीआई ने छह साल के अंतराल के बाद घरेलू मैच रैफरियों, अंपायरों, स्कोरर और वीडियो विश्लेषकों की फीस भी दोगुनी करने का फैसला किया। फीस बढ़ाने की सिफारिश सबा करीम ने 12 अप्रैल को सीओए के साथ बैठक के दौरान की थी। हालांकि कोषाध्यक्ष चौधरी को इन वित्तीय फैसलों से दूर रखा गया।
खबरों के मुताबिक अंपायरों को संशोधित फीस के अनुसर प्रथम श्रेणी मैच, 50 ओवरों के मैच या तीन दिवसीय मैच में 40 हजार रुपए प्रतिदिन मिलेंगे, जबकि पहले उन्हें 20 हजार रुपए प्रतिदिन मिलते थे। टी 20 मैचों में इसे 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 20 हजार प्रत्येक मैच कर दिया जाएगा। मैच रैफरियों को चार दिवसीय, तीन दिवसीय और एक दिवसीय मैच के लिए 30 हजार रुपए जबकि टी 20 मैचों के लिए 15 हजार रुपए मिलेंगे।