नई दिल्लीः एक टेस्ट मैच का नतीजा जिस तरह से फंसा है ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है। ये दो क्रिकेट बोर्डों के बीच बनी अनकही तकरार है जिसमें कोई भी खुद को घाटे में केवल इसलिए नहीं रखना चाहता क्योंकि आपसी रिश्ते बहुत मजबूत हैं। बिग थ्री में बीसीसीआई शामिल है जिसके क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के साथ ईसीबी से भी बेहतरीन संबंध हैं। इसी वजह से ईसीबी ने सरेआम टेस्ट मैच को लेकर अपना मुखर विरोध प्रकट नहीं किया और बीसीसीआई भी पूरी जी-जान से ईसीबी के नुकसान की भरपाई करने के लिए दिल खोल रहा है।
उसी क्रम में रिपोर्ट बताती हैं कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने कथित तौर पर इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) को हाल ही में रद्द किए गए मैनचेस्टर टेस्ट के रिशेड्यूल के अलावा दो अतिरिक्त T20I की पेशकश की है। यह तब होगा जब भारत अगली बार जुलाई 2022 में एक सफेद गेंद की श्रृंखला के लिए इंग्लैंड का दौरा करेगा। .
पटौदी ट्रॉफी का पांचवां और अंतिम टेस्ट मैच रद्द होने से कई लोग निराश हुए, जबकि लंकाशायर को पहले से ही 40 मिलियन पाउंड से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है क्योंकि उन्होंने मैच टिकट लाने वाले सभी लोगों को पूरी तरह से भुगतान करने की घोषणा की थी।
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ईसीबी ने आईसीसी की विवाद समाधान समिति से बीमा पॉलिसी पर क्लियर होने के लिए मैच की स्थिति का फैसला करने का अनुरोध किया है। बीमा पॉलिसी के अपने नियम हैं और एक मैच के नहीं होने की स्थिति में यह देखा जाएगा कि इसके पीछे का कारण वह पॉलिसी कवर करती है या नहीं।
अब बीसीसीआई ने अगले साल दौरे के विस्तार की पेशकश की है, जब भारत तीन एकदिवसीय व टी20 मैचों के लिए इंग्लैंड का सामना करने के लिए तैयार है।
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने नाम न छापने का हवाला देते हुए द हिंदु की रिपोर्ट कहती है कि प्रस्ताव न केवल "ईसीबी को कुछ नुकसान की भरपाई करने में मदद करेगा", बल्कि दोनों बोर्डों के बीच संबंधों को "और मजबूत" करेगा।
आईसीसी के नियमों के मुताबिक अगर टेस्ट मैच रद्द हो जाता है तो भारत सीरीज 2-1 से जीत पाएगा। यदि आईसीसी मैनचेस्टर टेस्ट को भारत की गलती से ना होना मानकर जब्त कर लेता है, तो श्रृंखला 2-2 मानी जाएगी। ईसीबी यह नहीं चाहता है कि ये टेस्ट मैच कोविड-19 के चलते रद्द माना जाए क्योंकि तब वह सीरीज तो हारेगा ही, बल्कि बीमा स्कीम से भी बाहर हो जाएगा। दूसरी और भारतीय खेमा इसी पर अडिग रहेगा कि मामला केवल कोविड का ही था।