नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने कहा कि इंग्लैंड में द हंड्रेड में उसकी शीर्ष महिला खिलाड़ियों की भागीदारी से उन्हें अगले साल न्यूजीलैंड में 50 ओवरों के विश्व कप से पहले आवश्यक अनुभव मिलेगा जिसमें टॉप के विरोधियों के सामने प्रदर्शन करने की चुनौती शामिल होगी।
वैसे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अपने पुरुष खिलाड़ियों को विदेशी फ्रेंचाइजी-आधारित लीग में भाग लेने की अनुमति नहीं देता है, लेकिन कुछ टेस्ट विशेषज्ञों को इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेलने की छूट है।
द हंड्रेड 100 गेंदों की प्रतियोगिता है जिसका उद्घाटन संस्करण होने जा रहा है जिसमें अलग-अलग पुरुष और महिला टीमों के साथ आठ फ्रेंचाइजी शामिल हैं। यह 21 जुलाई को ओवल में शुरू होगा और इसमें टी 20 कप्तान हरमनप्रीत कौर, उनकी डिप्टी स्मृति मंधाना और विस्फोटक सलामी बल्लेबाज शैफाली वर्मा सहित भारत की पांच खिलाड़ी शामिल होंगे।
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कौर और मंधाना इससे पहले ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश लीग टी20 प्रतियोगिता में भी खेल चुकी हैं।
रॉयटर्स ने बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण सिंह धूमल के हवाले से जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय महिला को इंग्लैंड में भेजने का मकसद उनको बाहरी माहौल के प्रति आदी बनाना है। उन्होंने कहा जैसे पुरुषों को काउंटी खेलकर अच्छा अनुभव मिला है वैसा ही मौका बोर्ड महिला क्रिकेटरों को भी देना चाहता है। उनके मुताबिक यह अनुभव अगले साल होने वाले विश्व कप में निश्चित तौर पर काम आएगा।
फिलहाल इंग्लैंड में कप्तान मिताली राज की अगुवाई में टीम अगले हफ्ते सात साल में अपना पहला टेस्ट खेलेगी जिसमें तीन एक दिवसीय और तीन टी 20 मैच भी शामिल होंगे। भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए धीरे-धीरे काफी चीजें धरातल पर सामने आती जा रही हैं जिसमें इस साल के अंत में होने जा रहा ऑस्ट्रेलियाई धरती पर उनका पहले डे-नाइट टेस्ट मैच भी शामिल है।