पहले लगा शानदार कप्तान बनेंगे सचिन तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर को लेकर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने 'स्पोर्ट्सकीडा' से बात करते हुए कहा कि जब वो सचिन को उनके शुरुआती दिनों में देखते थे तो लगता था कि वो शानदार कप्तान साबित होंगे।
उन्होंने कहा,'जब सचिन कप्तान नहीं थे तब मैं यही सोचता था कि वह भारत के संभावित कप्तानों में से सबसे अच्छे ऑप्शन हैं। क्योंकि जब वह कप्तान नहीं थे, तब वह बेहद ऐक्टिव थे। वह स्लिप में फील्डिंग करते थे, दौड़कर कप्तान के पास जाते थे, उन्हें सलाह और हौसला भी देते थे।'
बेहद खराब रहा है सचिन तेंदुलकर की कप्तानी का रिकॉर्ड
गौरतलब है कि अपने करियर के दौरान सचिन तेंदुलकर ने साल 1996 में भारतीय क्रिकेट टीम की कमान संभाली थी। इस दौरान उन्होंने कुल 73 वनडे मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी की जिसमें से उन्हें सिर्फ 23 मैचों में जीत हासिल हुई जबकि टीम 43 मैच हारी। इस दौरान टीम की जीत का औसत 35 के करीब था।
वहीं टेस्ट मैचों की बात करें तो तेंदुलकर की कप्तानी में टीम इंडिया ने 25 मैच खेले। इस दौरान टीम को बस चार मैचों में जीत हासिल हुई और 9 मैच में हार का सामना करना पड़ा। टीम के जीतने का औसत लगभग 16 के करीब था।
अपनी बैटिंग में फोकस के चलते नर्वस हो जाते थे तेंदुलकर
थरूर ने आगे कहा कि यह शायद इसलिए भी था क्योंकि उन्हें अपनी बैटिंग पर भी सोचना होता था। और अंत में उन्होंने खुशी-खुशी अपनी कप्तानी छोड़ दी और बाद में जब उन्हें दोबारा मौका मिला तो उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया। सचिन के करियर के सबसे खराब दौरे में ऑस्ट्रेलिया का दौरा शामिल है। 1999 में हुए इस दौरे में टीम को टेस्ट सीरीज में 0-3 से हार का सामना करना पड़ा। टेस्ट के बाद वनडे ट्राई सीरीज में टीम ने उस दौरान 14 में से बस एक मैच जीता। इस दौरे पर तीसरी टीम पाकिस्तान की थी।