नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम बहुत बदनामी झेल चुकी है। कारण है उनका किसी मैच को हर हाल में जीतने लिए किसी भी हद तक गुजरने का प्रयास करना। स्लेजिंग के लिए यह टीम पिछले कई वर्षों से सबसे आगे रही है। लेकिन इन्होंने क्रिकेट जगत को उस दाैरान हैरान किया ज पिछले साल मार्च के महीने साउथ अफ्रीका के खिलाफ तीन खिलाड़ी बाॅल टेंपरिंग में दोषी पाए गए। डेविड वाॅर्नर, स्टीव स्मिथ और कैमरून बैनक्राॅफ्ट बाॅल टेंपरिंग में फंसे। इस पूरे प्लान में वाॅर्नर का अहम हाथ माना गया। हालांकि बाॅल से छेड़छाड़ करना वाॅर्नर के लिए नई बात नहीं थी, ये खिलाड़ी फर्स्ट क्लास क्रिकेट में ऐसा काम करने में माहिर था जिसका खुलासा इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एलिस्टर कुक ने किया।
कुक ने अपनी आत्मकथा में खुलासा किया कि वाॅर्नर ने उन्हें बताया कि कैसे उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में बाॅल टेंपरिंग को अंजाम दिया था। कुक ने लिखा- वाॅर्नर ने मुझे बताया कि कैसे एक फर्स्ट क्लास मैच में उन्होंने हाथ में बंधी पट्टी पर लगे मैटेरियल के जरिए गेंद से छेड़छाड़ की थी। उस समय अगर स्टीव स्मिथ दखलअंदाजी नहीं करते तो शायद वॉर्नर इससे जुड़े और राज भी उगल देते। कुक ने लिखा कि यह बात 2017-2018 की एशेज सीरीज के बाद हुई एक पार्टी के दौरान हुई थी। कुक ने लिखा कि जब मैंने स्मिथ की तरफ देखा तो ऐसा लग रहा था कि वह वार्नर से कह रहे हो कि तुम्हें इसका खुलासा नहीं करना चाहिए।
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इसके अलावा कुक ने यह भी जिक्र किया कि जीत के लिए आस्ट्रेलिया कुछ भी कर सकता है। उन्होंने आत्मकथा में लिखा कि ऑस्ट्रेलियाई टीम किसी भी कीमत पर जीत दर्ज करने के इरादे से मैदान पर उतरती है। चाहे इसके लिए उन्हें कुछ भी करना पड़े। कुक ने जिक्र किया, ''ऑस्ट्रेलियाई के लोग अपनी टीम के हर हाल पर जीत दर्ज करने के तौर-तरीकों से संतुष्ट नहीं हैं। मगर ऑस्ट्रेलियाई टीम इस मामले में बहुत दूर तक निकल गई है। हालांकि बॉल टैंपरिंग विवाद के बाद से ऑस्ट्रेलियाई टीम प्रशंसकों का दिल जीतने की कोशिश में लगी है। टीम के कोच जस्टिन लैंगर ने ड्रेसिंग रूम का कल्चर बदला है और यही वजह है कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मैदान पर अधिक विनम्र नजर आ रहे हैं।''