हुआ कुछ यूंः ईएसपीएन क्रिकइन्फो की खबरों की अगर माने तो साल 1950 में जून माह में वेस्टइंडीज टीम इंग्लैंड दौरे पर गई थी। चार मैचों की सीरीज का दूसरा टेस्ट लार्ड्स में खेला गया। वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का निर्णय लिया और उनकी पहली पारी 326 रन पर सिमट गई। इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरी वेस्टइंडीज की टीम, उनकी बल्लेबाजी से पहले माना जा रहा था कि इंग्लैंड के बल्लेबाज आसानी से इस टीम के गेंदबाजों को खेलेंगे लेकिन वेस्टइंडीज के दो युवा स्पिनर वैलेंटाइन और रामदीन ने मिलकर पहली पारी में 55 ओवर मेडन फेंके और 9 विकेट हासिल किए। इसके बाद दूसरी पारी में वेस्टइंडीज ने 425 रन बनाए और अब चौथी पारी में इंग्लैंड को जीतने के लिए 600 रन बनाने थे। यह लक्ष्य तो नामुमकिन था ही ऊपर से सेकेंड इनिंग में फिर रामदीन-वैलेंटाइन की जोड़ी ने इंग्लिश बल्लेबाजों की कमर तोड़ दी। दोनों ने मिलकर 90 ओवर मेडन डाले और 9 विकेट हासिल किए। इस तरह दोनों पारियों में इन गेंदबाजों ने कुल 145 ओवर मेडन डाले, यानी कि 870 गेंदें खाली गईं।
सबसे खास बात है कि सोनी रामदीन और ऑल्फ वैलेंटाइन को अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का ज्यादा अनुभव नहीं था। इंग्लैंड के खिलाफ मैच से पहले इन दो युवा गेंदबाजों ने सिर्फ एक टेस्ट खेला था और दूसरे टेस्ट में दोनों ने इतना बेहतरीन प्रदर्शन किया कि इतिहास के पन्नों में इनका नाम दर्ज हो गया। रामदीन ने इस टेस्ट में 115 ओवर फेंके जिसमें 70 ओवर मेडन रहे और 11 विकेट चटकाए। वहीं वैलेंटाइन ने 116 ओवर में 7 विकेट लिए जबकि 75 ओवर तो मेडन रहे। एक टेस्ट मैच में किसी भी गेंदबाज द्वारा यह सबसे ज्यादा मेडन ओवर है।