नई दिल्ली। भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेले गए टेस्ट मैच में भारत के युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने शतकीय पारी खेल कर प्रशंसकों से खूब तारीफ बटोरी। लेकिन पूर्व क्रिकेटरों का मानना है कि विदेशों की कड़ी चुनौतियों से निबटने के लिये इस युवा बल्लेबाज को अपनी तकनीक में और सुधार करने की जरूरत है।
पृथ्वी की बल्लेबाजी के दौरा बैकफुट पर जाकर खेले गए शॉट्स को लेकर लोगों ने खूब तारीफ की थी।उनकी तुलना कैरेबियाई खिलाड़ी कार्ल हूपर से की जाने लगी।
हूपर ने बातचीत के दौरान कहा कि, ''देखने से लगता है कि उसके अंदर प्रतिभा छिपी है लेकिन वह गेंद की लाइन में आकर नहीं खेलता। उसे बैकफुट पर जाकर खेलना पसंद है और विकेट के स्क्वायर में खेलता है। यहां तो यह चल जाएगा लेकिन बल्ले और शरीर के बीच काफी अंतर होने से इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया में उसे परेशानी हो सकती है।''
पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा की राय में शॉ को अपने खेल में पैनापन लाने की जरूरत है लेकिन उन्होंने कहा कि अगर वीरेंद्र सहवाग अपरंपरागत तरीके से सफल हो सकता है तो फिर यह किशोर खिलाड़ी भी उसके साथ सफलता हासिल कर सकता है।
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चोपड़ा ने कहा, ''हमने अभी जो देखा वह अभी केवल ट्रेलर है। वह काफी प्रतिभावान लग रहा है।अभी एक दो चीजें और मुझे पूरा विश्वास है कि वह इन पर काम रहा होगा। इनमें से एक उनका मूवमेंट है जो कि अभी आईपीएल से भिन्न लग रहा है। मैं बहुत चिंतित नहीं हूं। उसने शानदार शुरुआत की थी।''
वहीं, मुंबई के अमोल मजूमदार का मानना है कि अभी इस युवा बल्लेबाज की तकनीक को लेकर टिप्पणी करना सही नहीं होगा और इसके लिये उनके विदेशों में खेलने तक इंतजार करना चाहिए।
मजूमदार का कहना है कि , ''मुझे नहीं लगता कि उन्हें बहुत अधिक बदलाव करने की जरूरत है। हर खिलाड़ी की खेल की अपनी शैली होती है। विदेशी धरती पर बल्लेबाजी करने के बाद ही उसके अंदर की शैली का अंदाजा लगाया जा सकता है।