आज तड़के एक किसान के घर से ख़ुदकुशी को निकलते देखा।मैं संभला ही था के सांप्रदायिकता ने एक ज़ोर का धक्का मारा।मैं उठा तो पाया के भूख, अपराध, डेंगू, बेरोज़गारी मुझे घेरे खड़े हैं।मैं बोला “तुम सब कब आए?” वो बोले “जब तुम मंदिर-मस्जिद कर रहे थे।” @AamAadmiParty @BJP4India @INCIndia
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) October 9, 2018