नई दिल्ली। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज में लगभग सभी कंगारू बल्लेबाजों को भारतीय गेंदबाजी आक्रमण का सामना करने में दिक्कतें आई हैं। हालांकि, इन बल्लेबाजों में ऑस्ट्रेलियाई ओपनर ऐरोन फिंच की हालत खासतौर पर खराब रही है। फिंच पूरी सीरीज में एक दो मौकों पर प्रतिरोध जताने के अलावा कुछ खास नहीं कर सके हैं। उनके लिए भारतीय गेंदबाज प्रेतबाधा की तरह हो गए हैं जो पार ही नहीं हो पा रही है। जबकि फिंच ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट के एक अहम सदस्य हैं। वे वन डे और टी20 फार्मेट में टीम की कमान भी संभाल रहे हैं।
फिंच को ऑस्ट्रेलिया की टीम ने चौथे मैच से बाहर कर दिया है। हालांकि इस फैसले से किसी को कोई ताज्जुब नहीं हुआ लेकिन फिंच के टेस्ट भविष्य को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है। अभी तक सीरीज की 6 पारियों में 97 रन बनाने वाले फिंच के बारे में जब उनकी एक दिनी टीम के साथी ग्लैन मैक्सवेल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि फिंच का टेस्ट करियर अभी समाप्त नहीं हुआ है। मैक्सवेल ने कहा, 'मेरा और अनेकों आस्ट्रेलियाई लोगों का यही मानना है कि फिंच को उस क्रम पर भी मौका मिलेगा जिस क्रम पर खेलने के लिए वे सबसे उपुयक्त हैं।'
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मैक्सवेल का इशारा उनके बल्लेबाजी क्रम की ओर इसलिए था क्योंकि फिंच एक नियमित टेस्ट ओपनर नहीं माने जाते हैं। हालांकि उन्होंने जब अपने टेस्ट करियर की शुरूआत पाकिस्तान के खिलाफ की तो उनको बतौर ओपनर काफी सफलता मिली थी। लेकिन, उसके बाद घरेलू सीरीज में भारत के खिलाफ उनको काफी दिक्कतें आई हैं। ऐसे में मैक्सवेल का मानना है कि फिंच के सामने उनकी पाकिस्तान के खिलाफ सफलता ही चुनौती बन गई है। मैक्सवेल ने कहा, 'बतौर ओपनर बहुत अच्छी शुरूआत करने के बाद फिंच से ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ताओं को बड़ी अपेक्षाएं थी और इसलिए उनको भारत के खिलाफ सीरीज में भी बतौर ओपनर जगह मिली। मैं उम्मीद करता हूं कि फिंच को एक बार मध्यक्रम में भी खेलना का मौका मिलेगा।'