लक्ष्य बचाने में नाकाब गुजरात
पहले मैच में गुजरात के गेंदबाज केकेआर के खिलाफ 184 रन का टार्गेट भी बचा नहीं पाए। वहीं हैदराबाद के खिलाफ मैच में गुजरात लायंस का शीर्ष क्रम लड़खड़ा गया, टीम में सिर्फ जेसन रॉय दहाई का आंकड़ा छू सके, उन्होंने 21 गेंदों पर 31 रनों की पारी खेली, जबकि सुरेश रैना, एरॉन फिंच, ब्रैंडम मैक्कुलम कुछ खास नहीं कर सके। अफगानिस्तान के गेंदबाज राशिद खान जिनकी उम्र सिर्फ 18 वर्ष है ने शानदार गेंदबाजी की, उन्होंने लायंस के बल्लेबाजों के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल खड़ी की और 19 रन देकर 3 विकेट झटके।
ड्वेन स्मिथ का टीम में होना रहा विफल
पिछले मैच में ड्वेन स्मिथ भी कुछ खास नहीं कर सके, छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए, लेकिन टीम ने 57 रन के स्कोर पर 4 विकेट गंवा दिए थे, ऐसे में स्मिथ का टीम पूरी तरह से फायदा नहीं उठा पाई, स्मिथ तेज बल्लेबाजी करने के लिए जाने जाते हैं, ऐसे में उनसे 20 ओवर तक बल्लेबाजी की उम्मीद बेमानी है और हुआ भी कुछ ऐसा उन्होंने छक्का मारने के चक्कर में अपना विकेट गंवा बैठे।
टीम में दिनेश कार्तिक भी अपनी भूमिका को निभाने में विफल रहे, जिस वक्त उनसे उम्मीद की जा रही थी कि वह तेज बल्लेबाजी करे वह सिर्फ 100 के स्ट्राइक के रेट से ही बल्लेबाजी कर सके। डेविड वार्नर व हेनरीक जैसे बल्लेबाजों को रोकने में टीम के गेंदबाज विफल रहे है। तेजस और बासिल थंपी दोनों ही गेंदबाजों ने 10 अधिक रन अपने ओवरो में लुटाए।
गेंदबाजी बड़ी समस्या
लायंस की टीम में सबसे किफायती गेंदबाज शिविल कौशीक रहे जिन्होंने अपने चार ओवरों में सिर्फ 29 रन खर्च किए, हालांकि वह सौभाग्यशाली रहे कि जब उन्होंने छोटी गेंदे फेंकी तो उन्हें बड़े शॉट नहीं लगे। लेकिन यहां समझने वाली बात यह भी है कि सनराइजर्स हैदराबाद की टीम को बहुत अधिक रनो की दरकार नहीं थी टीम ने 27 गेंदें शेष रहते ही लक्ष्य हासिल कर लिया था, ऐसे में यह कहा जा सकता है कि अगर टीम को अधिक रन बनाने होते तो वह तेज बल्लेबाजी करते और शिविल की गेंदों पर भी बड़े शॉट्स लग सकते थे।
टीम की बेंच की ताकत सामने आई
ऐसे में जिस तरह से पिछले दो मैचों में गुजरात की टीम पूरी तरह से विफल रही है, उसे फिर से अपनी रणनीति के बारे में सोचने की जरूरत है। टीम में ड्वेन ब्रावो और रवींद्र जडेजा के नहीं रहने पर हमेशा से ही गुजरात को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। टीम की बेंच की ताकत भी पिछले दो मैचों में सबके सामने आई, ऐसे में देखने वाली बात यह है कि क्या जेम्स फॉकनर जैसे गेंदबाज और अपनी उपयोगिता का एक बार फिर से साबित कर सकते हैं।