नॉटिंघम: भारत को पहला विश्व कप जीतना वाले कप्तान कपिल देव से तुलना पर हार्दिक पांड्या ने अपनी चुप्पी तोड़ दी है। इंग्लैंड के खिलाफ नॉटिंघम में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में 5 विकेट लेने वाले हार्दिक पांड्या ने कहा है कि कपिल देव से उनकी तुलना करना बेइमानी होगी। उन्हें बस अपने क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन करने देना चाहिए। बता दें कि कपिल देव की अगुवाई में भारतीय क्रिकेट टीम ने साल 1981 में अपना पहला विश्व कप जीता था।
हार्दिक पांड्या ने कहा कि किसी खिलाड़ी से तुलना करना ठीक है लेकिन दिक्कत तब खड़ी हो जाती है जब प्रदर्शन खराब होता है। लोग अचानक कहने लगते हैं यह वैसा नहीं है। मैं कभी कपिल देव बनना नहीं चाहता था। मुझे हार्दिक पांड्या ही रहने दें। मेरी तुलना किसी से मत कीजिए। मैं इसी से खुश हूं और पांड्या बनकर ही अब तक 40 वनडे और 10 टेस्ट मैच खेले हैं, कपिल देव बनकर नहीं। वे महान खिलाड़ी हैं. गौरतलब रहे कि हार्दिक पांड्या की तुलना कपिल देव से पहले से होती रही है.
इंग्लैंड के खिलाफ पहले दो मैचों में खराब प्रदर्शन के बाद पांड्या ट्विटरबाजों के निशाने पर आ गए थे और कईयों ने जमकर लताड़ भी लगाई थी। टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने इस तुलना को बकवास तक करार दे दिया। गावस्कर ने कहा था कपिल देव जैसा कप्तान सौ साल में एक बार पैदा होने वाला क्रिकेटर है। किसी से उसकी तुलना नहीं हो सकती है।
इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले में हार्दिक पांड्या पूरी तरह से फ्लाप साबित हुए थे। बर्मिंघम में खेले गए पहले टेस्ट की पहली और दूसरी पारी में हार्दिक पांड्या को कोई विकेट नहीं मिला. वहीं बल्लेबाजी में भी कुछ खास नहीं कर पाए और दो पारियों में क्रमश 31 और 22 रन ही बना पाए थे। ऐसा ही कुछ हाल लॉर्ड्स में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भी देखने को मिला. पहली पारी में मात्र 11 और दूसरी पारी में 26 रन ही बना पाए। हालांकि गेंदबाजी में थोड़ा असर दिखा लेकिन वो टीम के काम नहीं आया. पहली पारी में 66 रन देकर 3 विकेट झटके जबकि दूसरी पारी में तो मौका ही नहीं मिला और शर्मनाक हार झेलनी पड़ी।