नई दिल्ली। हार्दिक पांड्या और केएल राहुल की टीम इंडिया में वापसी के फैसले पर और विलंब होता चला जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई एक सप्ताह बाद करेगा। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को इस बिनाह पर टाल दिया क्योंकि वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रहमण्यम ने मामले में न्यायमित्र बनने के लिए दी गई सहमति वापिस ले ली थी इसके बाद अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता पी एस नरसिम्हा को मामले में न्यायमित्र की जिम्मेदारी दी है।
टीम इंडिया के इन दोनों खिलाड़ियों को टीवी रिएलिटी शो कॉपी विद करण के सेट पर महिलाओं के लिए किए गए आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद दोनों को टीम से सस्पेंड कर दिया गया है। सीओए यानी प्रशासकों की कमेटी ने इस मामले में लोकपाल बनाने की मांग की थी।
न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और ए एम सप्रे की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रहमण्यम के पीछे हटने के बाद पीसी नरसिम्हा को एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) नियुक्त किया है।गोपाल सुब्रहमण्यम के पद संभालने के बाद अदालत मामले की सुनवाई करेगी।
सीओए की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पराग त्रिपाठी ने याचिका में कहा था कि अदालत को बीसीसीआई में लोकपाल नियुक्त करने के निर्देश देने चाहिए, ताकि उक्त दोनों क्रिकेटर्स के भाग्य का फैसला जल्द से जल्द हो सके।
क्या था विवाद:
किस बात को लेकर हुआ विवाद: दरअसल, पांड्या ने शो के दौरान अपनी महिला मित्रों से नाइट क्लबों में मिलने और 'बातचीत' के बारे में बताया। हालांकि वे उनसे बातचीत की बजाय उन्हें 'देखने' पर ज्यादा फोकस कर रहे थे। पांड्या ने इस बारे में भी बात की, कि कैसे उनका परिवार उनकी यौन गतिविधियों को 'सहज' तौर पर लेते हैं। इस बयान के बाद विवादों का तूफान आ गया जो अबतक जारी है।