'फैसले पर कोई अफसोस नहीं '
ये फैसला था ऐसे महत्वपूर्ण मुकाबले में टीम की सबसे अनुभवी खिलाड़ी मिताली राज को बाहर बैठाने का। इस फैसले ने हरमप्रीत को कठघरे में खड़ा कर दिया है। लेकिन, ऐसा लगता है जैसे हरमनप्रीत के लिए यह कोई बड़ी बात नहीं थी। हरमनप्रीत को अपने इस फैसले पर कोई अफसोस नहीं है। मैच के बाद हरमनप्रीत ने बात करते हुए कहा, "हमने जो भी तय किया वो टीम के लिए था। कभी ऐसे फैसले काम करते हैं, कभी नहीं करते। इस पर कोई अफसोस नहीं है।"
टीम को बताया युवा और कहा कि सीख मिली...
इस दौरान हरमनप्रीत ने अपनी टीम पर गर्व जताया और कहा उनकी युवा टीम के लिए यह एक सीख रही है। उन्होंने इंग्लैंड के खेल की तारीफ करते हुए कहा, "इंग्लैंड ने वास्तव में अच्छी बल्लेबाजी की तथा विकेट को अच्छी तरह से समझा। लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं था और हमारी गेंदबाजों ने भी अच्छी गेंदबाजी की। हम 18वें ओवर तक मैच खींचकर ले गए।"
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मांजरेकर ने पहले ही पहचान ली थी 'गलती'
भले ही हरमनप्रीत को मिताली राज को बाहर करने के फैसले पर कोई पछतावा नहीं हो, लेकिन सच यह है कि इस फैसले के कारण वह आलोचनाओं का शिकार हो चुकी हैं। कई दिग्गजों ने उनके इस फैसले से विरोध जताया है। इसमें इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन और पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर भी शामिल हैं। मांजरेकर ने तो एक ट्वीट भी किया- "ये वो पिच नहीं थी जहां आप आराम से चौका जड़ सके। मिताली राज ऐसी पिच के लिए आदर्श होती। उनको बाहर बैठाना गलत है।" यह बात संजय ने मैच से पहले ही कह दी थी।
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गलती का खामियाजा भुगता टीम ने
भारत की हार के बाद भी मांजरेकर ने एक और ट्वीट किया जिसमें उन्होंने मिताली को बाहर बैठाना भारत की हार के मु्ख्य कारणों में गिनाया।
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भारत के लिए सबसे ज्यादा रन टी20 रन हैं मिताली के नाम
बता दें कि मिताली राज ने भारत के लिए सबसे ज्यादा टी20 रन बनाए हैं। अभी हाल ही उन्होंने विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गजों को भी इस मामले में पीछे छोड़ दिया था। इस पर आईसीसी ने खुद ट्वीट किया था। ऐसे में मिताली को बाहर करना ठीक ऐसे ही है जैसे भारतीय पुरूष टीम से रोहित या विराट में से किसी एक को बाहर कर देना। भारतीय टीम ऐसा करने के बारे में सोच भी नहीं सकती। इस तरह के महत्वपूर्ण मुकाबले में, जो वैसे भी विश्व कप का सेमीफाइनल हो, मिताली को बाहर करना सवाल तो उठाता ही है।