नई दिल्ली। हरियाणा सरकार ने मंगलवार को एक प्रस्ताव दिया है जिसके मुताबिक हरियाणा के वो अंतरराष्ट्रीय मेडल विजेता खिलाड़ी जो केन्द्रीय संस्थाओं जैसे रेलवे और आर्मी के साथ काम कर रहे हैं उनकी ईनाम राशि घटाई जाएगी। गौरतलब हो की इससे पहले भी खट्टर सरकार ने एक बड़ा ही विवादित निर्णय लिया था जब उन्होंने राज्य के साथ काम करने वाले खिलाड़ियों से कहा था कि वह अपनी कुल कमाई का तीस फीसदी हिस्सा सरकार को दें। गौरतलब हो की इस फैसले के बाद कई दिग्गज खिलाड़ियों ने इस फैसले का विरोध किया था जिसके बाद खट्टर सरकार बैकफुट पर आ गई थी।
हालांकि हिन्दुस्तान की खबर के मुताबिक इन सभी मामलों से परिचित एक अधिकारी ने बताया कि "मुख्यमंत्री का यह प्रस्ताव वास्तविक है। जो खिलाड़ी अन्य संस्थाओं के लिए काम करते हैं उन्हें शामिल नहीं किया जा सकता है। स्पोर्ट्स पॉलिसी ऐसा करने की इजाजत नहीं देती है। वे ईनाम की राशि अपनी उस संस्था से पाते हैं।" वहीं मुख्यमंत्री के एडीसी आलोक वर्मा ने अभी तक इसको लेकर कॉल्स के टेक्स्ट मैसेज का कोई भी जवाब नहीं दिया है। ऐसे में यह स्थिति अभी पूरी तरह से साफ नहीं है क्योंकि खेल मंत्री अनिल विज ने इस कटौती पर अपनी आपत्ति जाहिर की है। विज ने कहा कि उन्होंने प्रस्ताव दिया था कि ऐसे राज्य स्तरीय मेडल विजेता खिलाड़ी जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व किया है और जिन्होंने उन संस्थाओं के लिए खेला है जैसे रेलवे उन्हें पॉलिसी में रियायत दी जानी चाहिए।