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हुआ कुछ यूंः
दरअसल दूसरे टेस्ट में भी शॉ ने 70 और नाबाद 33 रनों की पारियां बेहतरीन पारी खेलीं। हालांकि, अंतिम टेस्ट की दूसरी पारी में वह अंपायर की वजह से आउट होने से बच ग। दरअसल, खेल के तीसरे दिन पृथ्वी शॉ उस वक्त बच गए जब अंपायर ने उन्हें गलती से आउट नहीं दिया। जेसन होल्डर की एक शॉर्ट पिच गेंद पृथ्वी के बाएं हाथ पर लगी। होल्डर ने रिव्यू लिया जिसमें साफ दिखाई दिया कि गेंद इन लाइन पिच कर रही थी और वह शॉ से न टकराती तो बेल्स उड़ जाती। ऐसे में जब रिब्यू के बाद अंपायर को अपनी गलती का एहसास हुआ तो उन्होंने होल्डर से माफी मांगी।
भारत को मिली 10 विकेट से जीतः
राजकोट में खेले गए पहले टेस्ट में मेहमान टीम को भारत ने पारी और 272 रनों की करारी शिकस्त दी थी। वहीं, इस मुकाबले में भारत ने 10 विकेट से जीत हासिल की और अपने घर में लगातार 10 वीं सीरीज भी जीती। ऐसे में भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आखिर वो क्यों टेस्ट के बादशाह हैं।
मैन ऑफ द सीरीज बने शॉः
अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के पहले पड़ाव में ही धमाल मचाकर शॉ को मैन ऑफ द सीरीज का खिताब भी हासिल हुआ। इसके बाद उन्होंने कहा, 'टीम एक परिवार की तरह होती है। इसमें कोई जूनियर सीनियर नहीं होता. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मेरी जर्नी शुरू हुई है, मुझे अभी बहुत कुछ करना है। मुझे नहीं मालूम आगे क्या होगा। मैं केवल इन पलों का आनंद लेना चाहता हूं। अब भारत को वेस्टइंडीज के साथ 5 वन-डे और 3 टी-20 मैचों की सीरीज खेलनी है। पहला वन-डे मैच 21 अक्टूबर को गुवाहाटी में खेला जाएगा।