ओपनर हैं सबसे बड़ी कमजोरी
न्यूजीलैंड की पहली सबसे बड़ी कमजोरी उनका टॉप ऑर्डर बल्लेबाज का फ्लॉप होना रहा है। विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए मशहूर ओपनर मार्टिन गुप्टिल मौजूदा विश्व कप में बुरी तरह फ्लॉप हुए हैं। भारतीय गेंदबाज सबसे पहले इस खिलाड़ी को शुरुआती 5 से 10 ओवर में आउट करना चाहेंगे। 2015 विश्व कप के 9 मैचों में सबसे अधिक 547 रन बनाने वाले गुप्टिल ने लीग स्टेज के 8 मैचों में कुल 166 रन बना पाए हैं। गुप्टिल ने पिछले विश्व कप में कई धुआंधार पारी खेली थी और टीम की कई जीत में अहम भूमिका निभाई थी। भारतीय गेंदबाजों की नजर इस बल्लेबाज को जल्द आउट करने पर होगी जिससे बड़े मैच की टीम कही जाने वाली न्यूजीलैंड को कम से कम स्कोर पर रोका जा सके या लक्ष्य का पीछा करते हुए भी यह टीम बड़ी चुनौती न दे पाए। ओपनर कॉलिन मुनरो का भी कमोबेश यही हाल है। उनके बल्ले से भी इस पूरे टूर्नामेंट में बड़े स्कोर नही निकले हैं इसलिए शमी,भुवी और बुमराह इनके खिलाफ विशेष प्लान बनाएंगे।
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क्या कप्तान के कंधे पर बैठकर जीतेंगे विश्व कप?
मौजूद वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड की टीम को डार्क हॉर्स कहा जा रहा है और इस टीम को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। कीवी टीम की दूसरी सबसे बड़ी कमजोरी कप्तान केन विलियमसन पर पूरी तरह निर्भरता है। अगर न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों के प्रदर्शन पर नजर डाला जाए तो यह बात स्पष्ट है कि आखिर कैसे यह टीम कप्तान विलियमसन के कंधों पर सवार होकर विश्व विजेता बनना चाहती है। एक डाटा के मुताबिक विश्व कप में न्यूजीलैंड टीम के लिए सबसे अधिक रन उनके कप्तान ने बनाए हैं। उन्होंने टीम के कुल रन में 32 फीसदी खुद बनाए हैं वहीं रॉस टेलर 16 फीसदी, जिमी नीशम 12.8 फीसदी और मार्टिन गुप्टिल ने 11 फीसदी रन बनाए हैं। कप्तान विलियमसन जिस किसी मैच में नहीं चल पाए यह टीम हमेशा मुश्किल में दिखी। विंडीज और बांग्लादेश ने भी इस टीम के खिलाफ जीतते-जीतते हार गई।
मिडिल ऑर्डर पर करना होगा आक्रमण
न्यूजीलैंड टीम का मिडिल ऑर्डर भी काफी कमजोर है। कप्तान को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज निरंतर प्रदर्शन करने में नाकाम रहा है। इस टूर्नामेंट से पहले अपने जीवन के प्राइम फॉर्म से गुजर रहे रॉस टेलर रन बनाने के लिए जूझते दिखे हैं और उन्होंने 8 मैच की 7 पारियों में कुल 261 रन बनाए हैं। भारतीय गेंदबाज इनकी कमजोर पर होम वर्क कर इनका विकेट जल्द लेना चाहेंगे। इस विश्व कप में पूरे टूर्नामेंट में आउट ऑफ फॉर्म रहे बल्लेबाज अक्सर फॉर्म में आते दिखे हैं। इंग्लैंड के जॉनी बेयरस्टो और श्रीलंका के एंजेलो मैथ्यूज इसके उदाहरण हैं.दोनों ने शतकीय पारी खेली है। भारतीय गेंदबाज को इस बल्लेबाज को बड़े मैच में जल्द आउट करना होगा।
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