शायराना अंदाज में बाधें तारीफों के पुल
आईसीसी ने ने धोनी पर शायराना अंदाज में तारीफों के पुल बांधे। आईसीसी ने धोनी को लेकर एक के बाद एक 14 ट्वीट किए। उसने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘सोचो अगर धोनी ना होते तो क्या होता! ऐसा सोचना भी बड़ा मुश्किल है। तब मुश्किल कैच या स्टम्प ना होते। कुछ चुटीली बातें भी सुनने को नहीं मिलतीं। हर बल्लेबाज दो रन, तीन रन भाग रहा होता।'
कविता भी लिखी
अंग्रेजी के कवि जॉन लीनन की कविता ‘इमेजिन' की तर्ज पर आईसीसी ने धोनी के लिए कविता भी लिखी। उसने लिखा, ‘सोचो अगर अंपायर ना होते तो क्या होता! ना तो कोई बाउंड्री का इशारा करता, ना ही हाथ हवा में उठाता। बॉलर तो दिन भर भागते ही रह जाते।' आईसीसी ने लिखा, ‘हम स्टम्प के पीछे उनका जादू देख चुके हैं। क्या अब हम उनके बल्ले का जलवा देखेंगे?' बतां दें कि बीसीसीआई ने पहली बार किसी क्रिकेटर की तारीफ के लिए इतने शब्द बयां किए हैं। यह भारतीय दर्शकों के लिए एक बहुत बड़ी बात है।
आईसीसी में बजता है भारत का डंका
आईसीसी में आज भारत का डंका बजता है। नहीं तो आज से 22 साल पहले अंग्रेंजो की बात मानी जाती थी। चाहे बात पैसा कमाने की तरकीब का हो या फिर कोई नया प्लान तैयार करने की। लेकिन अब भारत के 3 शख्स आईसीसी के चेयरमैन की कुर्सी पर कब्जा कर चुके हैं और ऐसा करने वाला भारत पहला देश है। जगमोहन डालमिया 1997 से 2000 तक आईसीसी के चेयरमैन बने। यह पहला मौका था, जब बीसीसीआई का कोई मुखिया आईसीसी के सर्वोच्च पद पर बैठा। डालमिया के बाद शरद पवार ने 2010 से 2012 तक यह काम संभाला और अब 2016 में यह सम्मान शशांक मनोहर को हासिल हुआ।
पैसे कमाने का सुझाव भी भारत ने दिया
डालमिया के तेज दिमाग की बदाैलत भारत ने 1987 में पहली बार विश्व कप की मेजबानी की। इसके बाद आईसीसी की पैसा कमाने में तकदीर बदल गई क्योंकि सुझाव भारत से मिला। डालमिया का यह व्यावससिक दिमाग ही था कि उन्होंने आईसीसी को यह समझाया कि क्रिकेट से किस तरह पैसा कमाया जा सकता है। रिलायंस वर्ल्ड कप में पहली बार क्रिकेट प्रसारण अधिकार बेचे गए और यही से उसके मालामाल बनने की शुरुआत हो गई। वरना इससे पहले क्रिकेट विश्व कप आयोजित करने वाला देश घाटे में ही रहता था।