नई दिल्ली। क्रिकेट मैच में बारिश के बाद मैच का परिणाम निकालने वाले डकवर्थ लुइस नियम में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने शनिवार को बदलाव करते हुए नया प्रारूप जारी किया। इसके साथ ही आईसीसी ने अपनी आचार संहिता और खेलने की स्थिति का आंकलन करने वाली प्रणाली में भी सुधार के मकसद से बदलाव किए हैं। आईसीसी के मुताबिक, यह बदलाव रविवार (30 सितंबर) को दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे के बीच होने वाले मैच से लागू हो जाएंगे।
यह डीएलएस का तीसरा वर्जन है, जिसको दूसरी बार नया रूप दिया गया है।यह पहली बार 2014 में आया था। इससे पहले डीएलएस को डीएल के नाम से जाना जाता था। इसका मतलब है कि यह मौजूदा विश्लेषण 700 वनडे अंतर्राष्ट्रीय मैचों, 428 टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों की जानकारी पर आधारित होगा।मौजूदा बदलाव का मतलब है कि टीम को लंबे समय के लिए अपनी रन बनाने की गति को तेज करना होगी। साथ ही वनडे में औसत को भी बढ़ाना होगा। आसान भाषा में कहें तो बल्लेबाजी टीम को पारी के अंतिम ओवरों में अपने रन बनाने की गति को तेज करना होगा।
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इस नए प्रारूप को लाने से पहले वनडे (अंत के 20 ओवर) और टी-20 में रन बनाने के पैर्टन पर ध्यान में रखा गया है। इसमें पुरुष और महिला क्रिकेट के अलग-अलग स्कोरिंग पैटर्न पर भी ध्यान दिया गया है।
आचार संहिता में शामिल हुए नए अपराध: आचार संहिता के मौजूदा अपराधों में नए अपराध भी शामिल किए हैं और कुछ मौजूदा अपराध में जुर्माने के स्तर को बदला है। इन नए अपराधों में लेवल दो, तीन में गेंद से छेड़छाड़ को छोड़कर धोखाधड़ी से फायदा उठाने की कोशिश करना जैसे अपराध शामिल हैं।
लेवल तीन अपराध के लिए अधिकतम सजा को आठ निलंबन अंक से बढ़ाकर 12 निलंबन अंक (छह टेस्ट मैच या 12 वनडे के बराबर) कर दिया है।