हम सीरीज को पूरा करना चाहते हैं- सौरव गांगुली
सौरव गांगुली ने पीटीआई के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया, "हम इस सीरीज को पूरा करना चाहते हैं क्योंकि 2007 के बाद इंग्लैंड में यह हमारी पहली सीरीज जीत होगी। बीसीसीआई टेस्ट मैच को सबसे ऊंचा फॉर्मेट मानता है और हम किसी भी तरह का समझौता इस पर नहीं करेंगे।"
भारतीय टीम ने 5वां टेस्ट मैच खेलने से मना कर दिया था। उससे पहले तक चार टेस्ट मुकाबले हो चुके थे जहां पर कोहली एंड कंपनी 2-1 से लीड कर रही थी। भारतीय खेमे में कोविड-19 मामले आ चुके थे जिसमें उनके सपोर्ट स्टाफ और हेड कोच रवि शास्त्री भी शामिल थे। गांगुली से पूछा गया कि क्या बीसीसीआई ने 2 एक्स्ट्रा T20 इंटरनेशनल मुकाबलों के लिए हामी भरी है क्योंकि भारत को जुलाई में अगले साल इंग्लैंड मैं सफेद गेंद मुकाबलों का दौरा करना है। उस पर गांगुली कहते हैं कि बीसीसीआई को कोई दिक्कत नहीं है और हम लोग अतिरिक्त वनडे और टी-20 मुकाबला खेलने के लिए तैयार हैं।
नीरज चोपड़ा के कोच को AFI ने नहीं दिया नया कॉन्ट्रेक्ट, काम-काज से जताई नाखुशी
'5वां टेस्ट रिशेड्यूल किया जाए'
गांगुली आगे कहते हैं, "हम बस यह चाहते हैं कि जो भी टेस्ट मैच आगे खेला जाएगा, वह इस सीरीज के पांचवें टेस्ट के तौर पर लिया जाए।"
अभी आईसीसी को देखना होगा कि यह टेस्ट मैच कोविड-19 के चलते रद्द हुआ है या नहीं। और अगर ऐसा हुआ तो भारत आधिकारिक तौर पर यह सीरीज 2-1 से जीत जाएगा क्योंकि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में इस तरह के प्रावधान मौजूद है। सौरव गांगुली खुद बताते हैं कि पिछले 18 महीनों में इस तरह के कई केस हुए हैं जब क्रिकेट सीरीजों को कैंसिल कर देना पड़ा और भारत को भी पिछले साल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने मुकाबले रद्द करने पड़े थे जिसके चलते 40 से 50 मिलियन पाउंड का नुकसान भी हुआ था। गांगुली को उम्मीद है कि आने वाले समय में एक ठोस मेडिकल एडवाइस लाने पर काम होगा ताकि यह पता चल सके कि टीम में कोविड-19 मिले हो तो खेल किस तरह से आगे बढ़ाया जाए।
सीरीज के ऐसे अंत से निराश, टीम से कोई नाराजगी नहीं
सौरव गांगुली फिर से यह बात दोहराते हैं कि टेस्ट क्रिकेट ही बीसीसीआई की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इसके अलावा गांगुली कहते हैं, "हम इस बात से बहुत निराश हैं कि सीरीज को इस तरह से कैंसिल करना पड़ा। इसके पीछे केवल कोविड-19 कारण था और खिलाड़ियों की सुरक्षा बड़ी बात है। हम उनको केवल एक सीमा तक ही धकेल सकते हैं।"
गांगुली मानते हैं कि टीम के जूनियर फीजियो योगेश परमार टीम के सभी खिलाड़ियों के कांटेक्ट में थे और जब ये फीजियो पॉजिटिव पाए गए थे तो ऐसे में चिंता का कारण होना लाजमी था। दूसरी ओर ईसीबी के सीईओ टॉम हैरिसन कहते हैं कि भारतीय खिलाड़ियों को मैदान पर उतारने के लिए हर संभव प्रयास किया गया लेकिन इंडियन खेमे को लगता था कि पता नहीं आगे क्या होगा जिसके चलते वह बहुत डर गए थे और खेलने से इनकार कर दिया था। अब गांगुली 23 सितंबर को लंदन में अपनी यात्रा करेंगे जहां पर वह ईसीबी और सीईओ के साथ बातचीत करेंगे जिस पर गांगुली कहते हैं, "भले ही है टेस्ट मैच कैंसिल हो गया हो लेकिन मैं वहां पर जा रहा हूं और देखते हैं हम क्या हासिल कर पाते हैं।"