नई दिल्ली। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वनडे सीरीज का दूसरा मुकाबला 15 जनवरी को एडिलेड में खेला जाएगा। पहला मैच 34 रनों से गंवा चुकी टीम इंडिया के लिए यह करो या मरो वाला मुकाबला है। पहले मैच में भारत की परफारमेंस से कहीं ना कहीं लगा था कि टीम हार्दिक पांड्या और केएल राहुल पर उठे विवाद के तूफान के बीच खेल रही थी। टीम इंडिया इस मैच में बल्लेबाजी करते हुए कहीं भी आरामदायक स्थिति में नहीं लगी। अब विजय शंकर को हार्दिक पांड्या के विकल्प में ऑस्ट्रेलिया बुला लिया गया है। तीन मैचों की इस सीरीज का ये मैच गंवाने का मतलब होगा कि सीरीज से हाथ धो बैठना।
भारत की नजरें इस मैच में अपने शीर्ष क्रम के लय में आने पर भी होंगी। पहले मैच में भारतीय शीर्ष क्रम केवल 4 रन के स्कोर पर धराशाई हो गया और केवल रोहित शर्मा ने ही टिकने का जज्बा दिखाते हुए शानदार शतक लगाया था। उनको धोनी के रूप में अच्छा साथ ही मिला था लेकिन एक बार सेट होने के बाद धोनी का विकेट भारत को भारी पड़ा। मैच के बाद रोहित शर्मा ने कहा था कि वे व्यक्तिगत तौर पर धोनी को नंबर 4 पर खेलते हुए देखना चाहते हैं। फिलहाल यह कोच और कप्तान को मिलकर तय करना है कि धोनी टीम इंडिया के लिए किस नंबर पर सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
वहीं भारत के लिए एक बार फिर से निचले मध्यक्रम का फेलियर चिंता का विषय होगा। फिलहाल हार्दिक पांड्या में गैरमौजूदगी में ये समस्या और भी ज्यादा गहरी होती दिखाई दे रही है। ऐसे में दिनेश कार्तिक, रविंद्र जडेजा, अंबाती रायडू जैसे बल्लेबाजों को जिम्मेदारी से बल्लेबाजी करनी होगी। जहां तक गेंदबाजों की बात है तो बुमराह की अनुपस्थिति में तेज गेंदबाजी का दारोमदार मोहम्मद शमी और भुवनेश्वर कुमार के ऊपर आ जाता है। भुवनेश्वर इस बात की अहमियत को समझते भी हैं। उनको नेट प्रैक्टिस के दौरान विकेटों के सामने जूतें रखकर यार्कर डालने की प्रैक्टिस करते हुए भी देखा गया है।
वहीं ऑस्ट्रेलिया की टीम में कप्तान एरोन फिंच का फार्म कंगारूओं के लिए चिंता की बात होगी। फिंच टेस्ट मैचों की खराब फार्म से अब तक उभर नहीं पाए हैं। इसके अलावा उस्मान ख्वाजा, शॉन मार्श, पीटर हैंड्सकांब जैसे बल्लेबाज एक बार फिर कंगारू मध्यक्रम और बल्लेबाजी की धुरी होंगे। अंतिम ओवरों के ऑस्ट्रेलिया के पास मार्कस स्टोईनिस जैसा बड़े हिट लगाने वाला बल्लेबाज भी है। इन सभी बल्लेबाजों ने पहले मैच में अपने जौहर दिखा दिए हैं। कुछ ऐसी ही उम्मीद ऑस्ट्रेलियाई टीम उनसे आगे भी कर रही होगी। जहां तक गेंदबाजी की बात है तो जे रिचर्डसन ने पहले मैच में भारतीय बल्लेबाजी की बखिया उधेड़कर कंगारूओं के जीत का आधार रखा था। उनके अलावा टीम में अनुभवी पीटर सिडल और नाथन लियोन के होने से संतुलित आक्रमण बना रहता है। इसके अलावा स्टोईनिस और बेहरेनडार्फ हैं ही। कुल मिलाकर कंगारू टीम संतुलित नजर आती है।
जहां तक आंकड़ों की बात है तो टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया की धरती पर 12 वनडे सीरीज खेली हैं लेकिन इसमें एक ही सीरीज द्विपक्षीय रही है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एकमात्र द्विपक्षीय वनडे सीरीज साल 2016 में खेली गई थी। पांच मैचों की इस सीरीज में भारत को 1-4 से हार झेलनी पड़ी थी। ओवरऑल रिकॉर्ड देखा जाए तो भारत ने ऑस्ट्रेलिया में कुल 49 वनडे खेले हैं, जिसमें 11 में उसे जीत मिली जबकि 36 मैच में हार मिली, इसके अलावा 2 मैच बेनतीजा रहे। अगर एडिलेड के मैदान की बात की जाए तो दोनों टीमों के बीच कुल 5 वनडे मैच खेले गए हैं। इन पांच मैचों में भारत केवल एक ही मैच जीत पाया है और चार मैचों में कंगारुओं ने उसे शिकस्त दी है।
दोनों टीमे इस प्रकार हैं-
भारत- विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा, शिखर धवन, अंबाती रायडू, दिनेश कार्तिक, केदार जाधव, महेंद्र सिंह धोनी, कुलदीप यादव, यजुवेंद्र सिंह चहल, रविंद्र जडेजा, भुवनेश्ववर कुमार, खलील अहमद, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, विजय शंकर
ऑस्ट्रेलिया- एरोन फिंच (कप्तान), एलेक्स कैरी (विकेटकीपर), उस्मान ख्वाजा, शॉन मार्श, पीटर हैंड्सकांब, मार्कस स्टोइनिस, ग्लेन मैक्सवेल, नाथन लियोन, पीटर सिडल, जे रिचर्डसन और जेसन बेहरेनडॉर्फ