रोहित शर्मा को 2 मैच का आराम
टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज रोहित शर्मा पिछले आईपीएल सीजन में चोटिल हो गए थे और फिटनेस की वजह से उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे और टी-20 सीरीज में शामिल नहीं किया गया था। हालांकि दो टेस्ट मैंच में उन्हे टीम में जगह मिली थी। इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में रोहित शर्मा जबरदस्त फॉर्म में नजर आए। एक लंबे आराम के बाद रोहित शर्मा फिट होकर फॉर् में आए थे, लेकिन पहले टी-20 मुकाबलों में उन्हें आराम देकर कप्तान कोहली ने इन फॉर्म बल्लेबाज रोहित को पटरी से उतार दिया। बतौर सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा निश्चित तौर पर टीम का हिस्सा होंगे और वह जबरदस्त फॉर्म में थे, ऐसे में उन्हें टीम से बाहर करना कतई सही फैसला नहीं हो सकता है।
सूर्यकुमार यादव को मौका दिए बिना बाहर करना
टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए अगर किसी खिलाड़ी में जमकर पसीना बहाया और लगातार अच्छा प्रदर्शन किया तो वो नाम सूर्यकुमार यादव का है। लंबे इंतजार के बाद सूर्यकुमार यादव को भारतीय टीम में जगह मिली और उन्हें दूसरे टी-20 में खेलने का मौका भी मिला। लेकिन मैच में उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला। चौंकाने वाली बात यह है कि अगले मैच में उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। ऐसे में यह फैसला किसी के भी समझ से परे हैं। पहला अगर उन्हें टीम में आगामी विश्वकप की तैयारी के तौर पर शामिल किया गया था और मध्य क्रम के बल्लेबाज के तौर पर बेहतर विकल्प के रूप में चेक किया जा रहा था कि आखिर उन्हें टीम से बाहर क्यों किया गया। दूसरी बात क्या सिर्फ 1-2 मैच में मौका देकर किसी खिलाड़ी का सही आंकलन किया जा सकता है।
सलामी बल्लेबाजी में लगातार प्रयोग
टीम इंडिया के लिए लंबे समय से रोहित शर्मा और शिखर धवन सलामी बल्लेबाजी करते आ रहे थे। लेकिन इस सीरीज में पहले रोहित शर्मा को दो मैचों के लिए आराम दिया गया। वहीं शिखर धवन को सिर्फ एक मैच में मौका दिया गया, ईशान किशन को दूसरे टी-20 में सलामी बल्लेबाजी का मौका दिया गया लेकिन अगले ही मैच में उन्हें नंबर तीन पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया और वह कुछ खास नहीं कर सके और सस्ते में आउट हो गए।
बैटिंग ऑर्डर में बहुत बदलाव
भारतीय टीम में ना सिर्फ सलामी बल्लेबाजी बल्कि तीसरे नंबर पर पहले दो मैच में विराट कोहली ने बल्लेबाजी की और तीसरे मैच में ईशान किशन को मौका दिया गया। वहीं मध्य क्रम में श्रेयस अय्यर, हार्दिक पांड्या और ऋषभ पंत के बल्लेबाजी क्रम में लगातार प्रयोग किए गए, जिसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा। हालांकि प्रयोग करना ठीक है लेकिन जरूरत से अधिक प्रयोग करने से खिलाड़ी के मानसिक तैयारी पर भी असर पड़ता है। टीम में युवा बल्लेबाजों को मौका दिया जा रहा है, लेकिन उन्हें अपना बल्लेबाजी क्रम पता नहीं होता, जोकि खिलाड़ियों पर अतिरिक्त दबाव बनाता है।
बेअसर गेंदबाजी
टी-20 सीरीज में भारतीय गेंदबाजी भी अभी तक तीन मैचों में कुछ खास नहीं रही है। टीम के गेंदबाज इस सीरीज में लगभग बेअसर नजर आए हैं। पहले मैच में टीम में अक्षर पटेल, युजवेंद्र चहल और वॉशिंगटन सुंदर को टीम में शामिल किया गया। टी-20 मैच में तीन स्पिन गेंदबाजों को शामिल किए जाने का औचित्य समझ से बाहर है। पहले मैच में तीनों ही स्पिन गेंदबाजों ने जमकर रन लुटाए। वहीं शार्दुल ठाकुर भी तीन मैचों में सिर्फ दो विकेट ले सके और वह काफी महंगे साबित हुए। चहल की बात करें तो तीन मैचों में उन्होंने सबसे ज्यादा रन खर्च किए तीन मैचों में 12 ओवर में चहल ने 119 रन दिए और सिर्फ तीन विकेट ले सके हैं। टीम की ओर से सिर्फ भुवनेश्वर कुमार ही असरदायक नजर आए हैं। दिलचस्प बात यह है कि टीम में नवदीप सैनी, टी नटराजन जैसे जबरदस्त तेज गेंदबाज मौजूद हैं, बावजूद अभी तक उन्हें टीम में अभी तक मौका नहीं दिया गया है।