भारतीय स्पिनर कुलदीप यादव बीते सात दिनों में आयरलैंड और इंग्लैंड में अपनी गेंदबाज़ी से सनसनी की तरह उभर रहे हैं.
सात दिनों के दौरान खेले गए तीन ट्वेंटी-20 मैचों में भारत का ये बाएं हाथ का चाइनामैन गेंदबाज़ सिर्फ़ 61 रन देकर 12 विकेट ले चुका है.
इसके पहले उन्होंने आठ ट्वेंटी-20 मैचों में 12 विकेट हासिल किए थे.
आयरलैंड के ख़िलाफ दो मैचों में सात विकेट लेने वाले कुलदीप ने इंग्लैंड के ख़िलाफ मैनचेस्टर में मंगलवार को खेले गए मैच में पांच विकेट लेकर मेजबान टीम को सिरीज़ की शुरुआत में ही बैकफुट पर ला दिया.
इंग्लिश टीम के ख़िलाफ ट्वेंटी-20 करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कुलदीप ने मेजबानों को चेतावनी भी दे दी है कि वो अभी रुकने को तैयार नहीं हैं.
इंग्लैंड के खिलाफ आठ विकेट से मिली जीत के हीरो रहे कुलदीप ने मैन ऑफ द मैच चुने जाने के बाद कहा, "ये मेरा इंग्लैंड का पहला दौरा है. चीजें अच्छी तरह चल रही हैं. अगले मैच में भी हम ऐसा ही करना चाहेंगे."
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भी जीत का श्रेय कुलदीप यादव को दिया.
उन्होंने कहा, "कुलदीप के एक ओवर ने हमारे लिए मैच बदल दिया."
अपने स्पैल के तीसरे ओवर में इयॉन मोर्गन, जॉनी बैरिस्टो और जो रूट के विकेट लिए. बैरिस्टो और रूट खाता भी नहीं खोल सके.
उन्होंने एलेक्स हेल्स और जोस बटलर को भी आउट किया.
कुलदीप की फिरकी और राहुल के बल्ले ने जीता मैनचेस्टर
पहले टी20 में भारत ने आयरलैंड को 76 रनों से हराया
कोहली ने कुलदीप की तारीफ करते हुए कहा, "वो कलाई से गेंद घुमाते हैं. जहां विकेट से थोड़ी मदद मिलती है वो और घातक हो जाते हैं. उन्होंने अपनी खूबियां निखारने के लिए काफी मेहनत की है."
दिलचस्प ये है कि कुलदीप ने जब क्रिकेट की ट्रेनिंग शुरू की तो वो तेज़ गेंदबाज़ बनना चाहते थे.
साल 1994 में उत्तर प्रदेश के कानपुर में जन्मे कुलदीप यादव कोच ने उन्हें रिस्ट स्पिनर (कलाई के सहारे गेंद घुमाने वाला फिरकी गेंदबाज़) बनने की सलाह दी. सलाह पर अमल आसान नहीं था लेकिन उनकी मेहनत रंग लाई और वो क्रिकेट पिच पर कमाल दिखाने लगे.
अंडर-19, इंडिया ए और उत्तर प्रदेश के लिए कमाल दिखाते हुए वो टीम इंडिया का हिस्सा बने.
साल 2017 में उन्होंने ट्वेंटी-20, वनडे और टेस्ट करियर की शुरुआत की.
मार्च 2017 में उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ धर्मशाला में खेला. पहली पारी में चार विकेट लेकर उन्होंने भारत की जीत का रास्ता तय करने में मदद की.
वो दो टेस्ट मैचों में नौ, बीस वनडे में 39 और 11 ट्वेंटी-20 मैचों में 24 विकेट ले चुके हैं.
इन आंकड़ों से बढ़कर है वो तिलस्मी घेरा जिसे उन्होंने अपनी घूमती गेंदों से तैयार किया है. इस घेरे को तोड़ना विरोधी बल्लेबाज़ों के लिए कितना मुश्किल साबित हो रहा है, ये बीते सात दिनों में उनकी गेंदों से लिखी कामयाबी की कहानी बताती है.
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