मुश्किल वक्त में कप्तान को नहीं मिला साथ
युजवेंद्र चहल टीम में ऐसे गेंदबाज की भूमिका निभाते हैं जो मुश्किल समय पर टीम को ब्रेकथ्रू देने का काम करते हैं, लेकिन पिछले तीन मुकाबलों में वह यह करने में विफल रहे हैं। यही नहीं वो ना सिर्फ विकेट लेने में विफल रहे हैं बल्कि काफी महंगे भी साबित हुए हैं। पिछले तीन मैचों में चहल की इकोनॉमी तकरीबन 9 रही है जोकि उनके रिकॉर्ड को कतई मैच नहीं करती है।
तीन मैचों में चहल ने लुटाए रन
पहले मैच में चहल सबसे महंगे गेंदबाज साबित हुए। उन्होंने पहले मैच में 4 ओवर में सर्वाधिक 44 रन दिए और सिर्फ एक विकेट हासिल कर सके। दूसरे मैच में चहल ने 4 ओवर में 34 रन खर्च किए और सिर्फ एक विकेट हासिल किए। जबकि तीसरे टी-20 मुकाबले में चहल ने 4 ओर में 41 रन लुटाए और सिर्फ एक विकेट मिला। तीनों मैच में चहल ने 12 ओवर गेंदबाजी की और 119 रन देकर सिर्फ तीन विकेट हासिल किए। चहल के टी-20 करियर की बात करें तो 48 मैचों में उन्होंने 62 विकेट हासिल किए हैं, इस दौरान उनका इकोनॉमी 8.4 का है।
बेंच पर मौजूद खिलाड़ी कर रहे मौके का इंतजार
ऐसे में सवाल यह उठता है कि लगातार हर मैच में युजवेंद्र चहल इतने रन खर्च कर रहे हैं और विकेट हासिल नहीं कर पा रहे हैं तो उनकी जगह टीम में किसी और खिलाड़ी को मौका क्यों नहीं दिया जा रहा। टीम में राहुल चहर, राहुल तेवतिया मौजूद हैं लेकिन उन्हें अभी तक एक भी मैच खेलने का मौका नहीं दिया गया है। बहरहाल देखने वाली बात यह है कि क्या कप्तान कोहली और टीम इंडिया का मैनेजमेंट चहल को एक और मौका देता है या फिर मौके की तलाश कर रहे युवा गेंदबाजों को खेलने का मौका मिलेगा। गौरतलब है कि सीरीज में इंग्लैंड 2-1 से आगे है।