एमएस धोनी ( MS Dhoni)
भारतीय टीम में जबसे केएल राहुल ने बल्लेबाजी के साथ-साथ विकेटकीपिंग की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाली है तबसे महेंद्र सिंह धोनी की टीम में वापसी की चर्चा भी कम हो गई है। विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में खेलने के बाद से लगातार मैदान से दूर चल रहे महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी वापसी को लेकर कोई भी सकरात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि कोच रवि शास्त्री का मानना है कि आईपीएल में अपने प्रदर्शन के दम पर एमएस धोनी अक्टूबर में होने वाले टी20 विश्व कप के लिये एक बार फिर भारतीय टीम में वापसी कर सकते हैं।
लेकिन केएल राहुल की मौजूदा फॉर्म और प्रदर्शन को देखते हुए अब ऐसा लग रहा है कि भारतीय टीम मैनेजमेंट की चिंता दूर हो गई है और अब वह धीरे-धीरे फिनिशर और विकेटकीपर दोनों समस्याओं का समाधान केएल राहुल के रूप में देख रहे हैं।
ऋषभ पंत ने गंवाया गोल्डन चांस, अब वापसी हो जायेगी मुश्किल
लगातार खराब फॉर्म और विकेटकीपिंग टेक्निक में गलतियों से जूझ रहे ऋषभ पंत के पास एमएस धोनी की गैरमौजूदगी में गोल्डन चांस था जिसे वो भुना नहीं पाये। ऋषभ पंत ने अब तक 28 टी20 मैच खेले हैं जिसकी 25 पारियों में 410 रन बनाए जबकि 16 वनडे मैचों के दौरान कुल 374 रन बनाए हैं। ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की वजह से टीम की नजर में आये ऋषभ पंत ने अब तक अपने टी20 करियर में 2 बार जबकि वनडे करियर में सिर्फ 1 बार अर्धशतक लगाया है।
ऐसे में जब भी धोनी की गैरमौजूदगी में ऋषभ पंत पर सवाल उठाया जाता तो कोच रवि शास्त्री, कप्तान विराट कोहली और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने बचाव करते हुए कहा कि रात भर में धोनी जैसा फिनिशर बनना नामुमकिन है। हालांकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पंत के चोटिल होने के बाद जबसे केएल राहुल ने यह जिम्मेदारी विराट कोहली की सबसे बड़ी मुश्किल का समाधान हो गया। विराट कोहली को केएल राहुल में राहुल द्रविड़ की झलक दिखने लगी और वो चाहते हैं कि यह जिम्मेदारी वो अभी निभाते रहें।
संजू सैमसन (Sanju Samsoon)
विकेटकीपिंग स्किल्स की बात की जाये तो संजू सैमसन इस मामले में ऋषभ पंत से काफी आगे हैं लेकिन हाल ही में दिये गये मौकों को न भुना पाने के चलते यहां पर भी केएल राहुल का पलड़ा भारी हो जाता है। विराट कोहली ने न्यूजीलैंड के खिलाफ संजू सैमसन को आखिरी 2 टी20 मैचों में मौका दिया लेकिन वह इन्हें भुना पाने में नाकाम रहे। इससे पहले श्रीलंका के खिलाफ भी संजू सैमसन को मौका दिया गया था और वो 6 रन बनाकर वापस लौट गये थे।
ऐसे में जब एक स्थान के लिये इतनी स्पर्धा हो तो संजू सैमसन का मौकों को न भुना पाना टीम में उनके लिये दरवाजे बंद करता नजर आता है।