बदल गए हैं चेतेश्वर पुजारा, नहीं रहे पहले जैसे
पुजारा जानते हैं कि वह बीते युग के नहीं हैं। वह एक आधुनिक युग के क्रिकेटर हैं जहां टीम की जीत में योगदान देना है और तेज गति से रन बनाना है बहुत जरूरी है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विजाग टेस्ट की दूसरी पारी में पुजारा ने कुछ इसी तरह का खेल दिखाया था। मैच की मांग के अनुसार पुजारा ने दूसरी पारी के 34 वें और 50 वें ओवर में पीड्ट की गेंद पर दो छक्के लगाए और पारी में 13 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 81 रन बनाए।
पुजारा की यह पारी उनकी शैली के बिल्कुल विपरीत नजर आई। वहीं पुणे के मैदान पर दूसरे टेस्ट में भी जब सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा के जल्दी आउट होने के बाद पुजारा मैदान पर आये तो सबको एक मजबूत साझेदारी की दरकार और उन्होंने मयंक अग्रवाल के साथ वही दी, लेकिन जैसे ही स्थिति को हाथ में आता देखा पुजारा ने एक बार अपनी बल्लेबाजी में बदलाव किया और इस बार सेनुरन मुथुसामी की गेंद को दर्शकों के बीच पहुंचाया।
टेस्ट करियर में पहली बार 2 मैचों में लगातार जड़े छक्के
यह पुजारा के टेस्ट करियर का पहला मौका है जब उन्होंने लगातार 2 मैचों में छक्के लगाने का कारनामा किया हो। जाहिर है यह पुजारा के लिए कोई बड़ा रिकॉर्ड या करियर में मील का पत्थर नहीं हो सकता लेकिन यह साफ दर्शाता है कि पुजारा की मनोस्थिति में कितना बदलाव आ रहा है। वह शायद समझ गए हैं कि समय की मांग के अनुसार अपनी बल्लेबाजी की शैली में बदलाव करना एक अच्छा विचार है और इसके चलते मौजूदा टीम के साथ सामंजस्य बिठाना ज्यादा आसान होगा।
क्या फैन्स को पसंद आएगा पुजारा का नया अंदाज
खैर भारतीय फैन्स के लिए यह खुशी की बात ही है क्योंकि वह अपने भरोसेमंद और चहेते बल्लेबाज की शैली में थोड़ी आक्रामकता का भी लुत्फ उठा पायेंगे। पुजारा ने अपने 58 रनों की पारी के दौरान 9 चौके और एक छक्का लगाया।
दिन का खेल खत्म होने तक भारतीय टीम ने अपने 3 विकेट गंवाए। साउथ अफ्रीका के लिए एक मात्र सफल गेंदबाज कगिसो रबाडा रहे, जिन्होंने तीनों विकेट अपने खाते में किए। दिन का खेल खत्म होने तक कप्तान विराट कोहली के साथ उपकप्तान अंजिक्य रहाणे (18*) नाबाद क्रीज पर लौटे। अंपायरो ने खराब रोशनी के चलते पहले दिन का खेल 4.5 ओवर पहले रोक दिया।