नयी दिल्ली। पूर्व दिग्गज सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर का कहना है कि भारतीय बल्लेबाज अपने बैकफुट पर खेलना लगभग भूल ही चुके हैं। इसका बड़ा कारण आज के समय में क्वालिटी बाउंसर फेंकने वाले तेज गेंदबाजों की कमी है। वहीं, आधुनिक क्रिकेट में हेलमेट जैसे सुरक्षित उपकरणों के कारण भी बल्लेबाज बाउंसर को खेलने के लिए अब बैकफुट पर नहीं जाते।
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गावस्कर ने यह बात विंडीज के खिलाफ कोलकाता में खेले गए पहले टी-20 मैच के बाद कही। इस मैच में ओसाने थॉमस ने अपनी तेज और उछाल भरी गेंदबाजी से मजबूत भारतीय शीर्ष क्रम को खासा परेशान किया था। पिच से भी थॉमस को मदद मिल रही थी। ऐसे में भारतीय बल्लेबाजों की बाउंसर के खिलाफ बैकफुट पर ना खेलने की कमी उजागर हो गई।
याद आया वेस्टइंडीज का सुनहरा दौर
गावस्कर को इस दौरान थॉमस ने काफी प्रभावित किया। गावस्कर के मुताबिक थॉमस की गेंदबाजी ने उनको वेस्टइंडीज के सुनहरे महान तेज गेंदबाजी दौर की यादें ताजा करा दी। हालांकि टी-20 में एक गेंदबाज चार ओवर से ज्यादा नहीं कर सकता है इसलिए थॉमस का कोटा पूरा हो जाने के बाद भारत के निचले क्रम ने बाद के ओवर में बेहतर खेल दिखाते हुए टीम की जीत पक्की कर दी थी।
इस दौरान दिनेश कार्तिक ने एक बार फिर दिखाया की वह मुश्किल हालात में टीम को उभारने का माद्दा रखते हैं। कार्तिक ने अपना पहला टी-20 खेल रहे कुणाल पांड्या के साथ मिलकर भारत को तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त दिला दी। बता दे कि कार्तिक इस तरह की मैच जीतने वाली पारिया आईपीएल में मुंबई इंडियंस की ओर से भी खेल चुके हैं।
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इसके अलावा बायें हाथ के भारतीय तेज गेंदबाज खलील के लिए भी यह गेम अच्छा रहा। उन्होंने अपनी स्विंग से प्रभावित किया। अब टी-20 विश्व चैंपियन वेस्टइंडीज को अगर सीरीज में बने रहना है तो उनको लखनऊ में खेले जाने वाले दूसरे मैच को हर हाल में जीतना होगा।