क्रिकेट कैलेंडर पर बढ़ रहा है दबाव
बीसीसीआई ने इंडियन प्रीमियर लीग के 15वें सीजन से अपनी लीग को बड़ा करने का फैसला करते हुए 10 टीमों को शामिल करने का फैसला किया है, जिसका मतलब है कि जिस लीग में अभी तक 58 से 60 मैच खेले जा रहे थे वहां पर अब 74 मैचों का टूर्नामेंट देखने को मिलेगा। आईसीसी ने अपने क्रिकेट कैलेंडर में आईपीएल को आयोजित करने के लिये 2 महीने का समय दिया हुआ है जिसमें ज्यादातर देश अंतर्राष्ट्रीय मैच नहीं खेलते हैं और न ही किसी मल्टीनेशन टूर्नामेंट का आयोजन होता है, ऐसे में जब आईपीएल में खेले जाने वाले मैचों की संख्या बढ़ जायेगी तो इसके आयोजित होने के समय में भी बढ़ोतरी करने पर दबाव बढ़ेगा।
वहीं पर आईसीसी के कार्यकारी सीईओ ने सेलेक्ट मीडिया के साथ बात करते हुए अपने हालिया इंटरव्यू में साफ किया है कि आईसीसी अपनी लोकप्रियता बरकरार रखने के लिये हर साल टूर्नामेंट कराने के बारे में सोच रही है और अगर ऐसा होता है तो क्रिकेट कैलेंडर में सभी देशों को जगह देने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
बढ़ गई है आईपीएल की ब्रैंड वैल्यू
उल्लेखनीय है कि क्रिकेट के बाजार में आईपीएल की ब्रैंड वैल्यू काफी बढ़ गई है और आईपीएल 2022 से माना जा रहा है किबीसीसीआई को सिर्फ मीडिया राइटस के जरिये करीब 500 करोड़ डॉलर (35 हजार करोड़ रुपये) की आमदनी हो सकती है। साल 2018 में जब स्टार इंडिया ने मीडिया राइटस को अपने नाम किया था तब उन्होंने 16,347 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी, तो वहीं पर अगले मीडिया राइटस में उसकी बोली करीब 35 हजार करोड़ तक जाने की संभावना है। मौजूदा समय में आईपीएल और आईसीसी इवेंटस के मीडिया राइटस स्टार इंडिया के पास ही हैं, लेकिन ब्रैंड वैल्यू बढ़ जाने के बाद इसकी संभावना भी कम नजर आ रही है कि दोनों इवेंटस के लिये मीडिया राइटस किसी एक चैनल को मिल सके। वहीं आईसीसी ने भी अपने ब्रॉडकास्टिंग और डिजिटल राइटस को 8 के बजाय सिर्फ 4 साल के साइकिल के तहत बेचने का फैसला किया है। आईसीसी का मानना है कि अगर वो 8 साल के लिये नीलामी करेगी तो रकम बड़ी होने के चलेत उसे ज्यादा खरीदार नहीं मिलेंगे और उसे नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
व्यूअरशिप में मिल रही है कड़ी टक्कर
मीडिया और प्रसारण अधिकार बेचने में आईसीसी को आईपीएल से कड़ी चुनौती मिल रही है, खासतौर से व्यूअरशिप के मामले में, पिछले 2 सालों में आईपीएल की व्यूअरशिप में काफी इजाफा देखने को मिला है। वहीं अगले साल खेले जाने वाले आईपीएल में 2 नई टीमों के जुड़ने से उसकी ब्रैंड वैल्यू बढ़ गई है और इसकी व्यूअरशिप में बढ़ोतरी देखने को ही मिलेगी। इसके अलावा आईपीएल की व्यूअरशिप में टूर्नामेंट के आखिरी मैच तक व्यूअरशिप में गिरावट नहीं देखने को मिलती है जबकि आईसीसी टूर्नामेंट में भारत के बाहर हो जाने से व्यूअरशिप में अच्छी खासी गिरावट देखने को मिलती है। आईपीएल में सभी देशों के खिलाड़ी होने की वजह से इसकी फैन फॉलोइंग काफी अच्छी है, जबकि आईसीसी टूर्नामेंट में किसी देश के बाहर हो जाने से वहां के फैन्स की व्यूअरशिप कम हो जाती है। ऐसे में आईसीसी 2024 से 2027 तक के मीडिया राइटस बेचने की कोशिश में है तो वहीं पर बीसीसीआई 2023 से 2027 तक के आईपीएल मीडिया राइटस की नीलामी कर रहा है। व्यूअरशिप के चलते आईसीसी को आईपीएल से कड़ी टक्कर मिल रही है।