नई दिल्ली। भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इतिहास में पहली बार द्विपक्षीय सीरीज अपने नाम की। शुक्रवार को मेलबर्न में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को तीसरे वनडे में 7 विकेट से हराकर सीरीज 2-1 से अपने नाम कर लिया।हालांकि इस मैच की सूरत कुछ और होती अगर ऑस्ट्रेलिया बने बनाए मौके गंवाए नहीं होते। इस क्रम में ग्लेन मैक्सवेल ने धोनी का कैच छोड़कर मैच में भारत को वापस आने का पूरा मौका दिया।
धोनी अपनी पारी की शुरुआत कर ही रहे थे कि स्टोइनिस की गेंद पर उनका कैच छूट गया था। धोनी ने प्वाइंट की दिशा में करारा प्रहार किया था वहां बैकवर्ड प्वाइंट पर खड़े मैक्सवेल ने कैच छोड़ दियाष मैक्सवेल ने अगर यह कैच पकड़ा होता तो मैच ऑस्ट्रेलिया के हाथ में होता। धोनी को यह पहला जीवनदान नहीं मिला इसके बाद वह जब 74 रन के स्कोर पर खेल रहे थे इस दौरान उनका कैच एरॉन फिंच ने छोड़ा था हालांकि तब स्थिति इतनी नाजुक नहीं थी लेकिन वहां से मैच फंसाया जा सकता था।
Australia missed some key chances in the series decider, but there were still plenty of positives for coach Justin Langer #AUSvIND pic.twitter.com/dYSaoOHU4a
— cricket.com.au (@cricketcomau) January 18, 2019
कोच ने भी कैच छूटने को माना हार का कारण:
हार का कारण बताते हुए लैंगर ने कहा कि धोनी जब 0 पर थे तब उनका कैच छूटा।इसके बाद 74 रन पर फिर से उनको जीवनदान मिला यही दो कारण रहे जिसकी वजह से टीम इंडिया को जीत मिली और ऑस्ट्रेलिया को हार का सामना करना पड़ा।
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कोच ने कहा कि धोनी जैसे बड़े खिलाड़ियों का कैच छोड़कर आप मैच नहीं जीत सकते। बड़े खिलाड़ियों को मौका नहीं देना चाहिए लेकिन हमने दिया इस वजह से हमें हार का सामना करना पड़ा। कैच छोड़ना और मैच हारना हमारे लिए काफी बड़ी सीख रही इसे हम हमेशा याद रखना चाहिए। धोनी का बीच पारी में आना और बिना विकेट खोए 50 ओवर तक रन बनाना काबिल ए तारीफ था। मुझे लगता है ऑस्ट्रेलिया टीम को भी यह सीखना चाहिए।