दिल्ली की युवा टीम ने दिखाया दम
दिल्ली डेयर डेविल्स ने जब अपना नाम बदलकर दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) रखा था तब इनकी जर्सी और नाम को लेकर सोशल मीडिया पर मजाक तक उडाया गया था। साल 2018 में गौतम गंभीर बतौर कप्तान फ्लॉप साबित हुए, दिल्ली की टीम को मोमेंटम नहीं दे पाए और श्रेयस को बीच आईपीएल में ही कप्तान बनाया गया। ऋषभ पंत ने अगले ही मैच में तूफानी पारी खेली और ऐसा लगा इस टीम का खोया जोश कहीं से वापस आ गया। इस टीम ने जहां अपना पिछला सीजन छोड़ा था इस साल का नया सीजन उसी जोश और नए तेवर के साथ शुरू किया। टीम मैनजेमेंट ने आईपीएल-2019 के ऑक्शन में खिलाड़ियों की स्मार्ट खरीददारी कर इस बात का संकेत दे दिया था। दिल्ली कैपिटल्स की टीम ने कगिसो रबादा, कॉलिन इंग्राम, कीमो पॉल, ट्रेंट बोल्ट, संदीप लमिछाने जैसे युवा और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों पर बड़ी बोली लगाकर न उन्हें सिर्फ खरीदा बल्कि मैच दर मैच उन पर भरोसा दिखाया और इन खिलाड़ियों ने उस भरोसे को जीत में तब्दील किया। दिल्ली कैपिटल्स में अमित मिश्रा और तेज गेंदबाज इशांत शर्मा ही दो ऐसे खिलाड़ी हैं जिनकी उम्र 36 साल और 30 साल है वहीं इस टीम की औसत उम्र 24-25 साल के करीब है। क्रिकेट के मिस्टर 360 कहे जाने वाले ए.बी.डिविलयर्स ने भी माना है कि युवाओं पर भरोसा और पैसा खर्च करने की वजह से दिल्ली कैपिटल्स इतनी सफल टीम बनी है।
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गेंदबाजों की तिकड़ी ने तोड़ी सबकी कमर
अक्सर टी-20 क्रिकेट को बल्लेबाजों का खेल कहा जाता है लेकिन कगिसो रबादा ने दिल्ली बनाम कोलकाता के एक मैच में इस अवधारणा को गलत साबित कर दिया और सुपर ओवर में अपनी टीम को मैच जितवाकर एक नई दिशा और दशा दी। विश्व क्रिकेट में अपनी रफ्तार और चालाकी भरी गेंदबाजी के लिए मशहूर इस खिलाड़ी ने दिल्ली कैपिटल्स को आईपीएल-2019 के लीग स्टेज में मोमेंटम दी और इस टीम ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। रबादा चोटिल होकर आईपीएल से बाहर हो गए लेकिन लीग स्टेज के महज 12 मैचों में 25 विकेट झटक कर इस गेंदबाज ने विरोधी खेमे में सनसनी मचा दी। क्रिस मॉरिस ने भी 9 मैचों में 13 विकेट लिए हैं और दिल्ली की कई जीत में बड़ी भूमिका निभाई है। लेकिन इस साल जिस गेंदबाज की चर्चा इस खेमे में सबसे अधिक हो रही है वो कोई और नहीं बल्कि इशांत शर्मा हैं। इशांत को पिछले सीजन कोई खरीददार नहीं मिला था लेकिन इस साल उन्होंने न सिर्फ दिल्ली के लिए धारदार गेंदबाजी की है बल्कि किफायती गेंदबाजी भी है। 12 मैचों में 12 विकेट झटक कर और महज 7.73 की औसत से रन खर्च किए हैं। दिल्ली कैपिटल्स की इस तिकड़ी ने दिल्ली को न सिर्फ दमदार टीम बनाया है बल्कि उन्हें बड़े उलटफेर का दावेदार साबित किया है।
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दिल्ली को मिली दादा और पोंटिंग का 'दम'
दिल्ली कैपिटल्स की टीम के कायापलट में जिस दो शख्स की सबसे बड़ी भूमिका रही है वो हैं भारतीय टीम में एग्रेशन की नींव रखने वाले पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और ऑस्ट्रेलिया को अपनी कप्तानी में दो बार विश्व कप जिताने वाले ऑल टाइम ग्रेट रिकी पोंटिंग। यह हम नहीं कह रहे बल्कि दिल्ली के कई खिलाड़ियों ने खास मौकों पर स्वीकार किया है। हैदराबाद के खिलाफ एलिमिनेटर में शानदार पारी खेलने वाले पृथ्वी शॉ ने भी इस बात को स्वीकार किया था कि कैसे उनके बहुत रन नहीं बनाने के बावजूद उन्हें बैक किया गया और एक विस्फोटक पारी उसका रिजल्ट था। खुद कप्तान श्रेयस अय्यर ने भी यह कई मौकों पर कहा है और ऋषभ पंत भी इस बात को स्वीकार चुके हैं। बेस्ट टीम कॉम्बिनेशन और इंडिविजुअल से बेस्ट दिलवाने में इन दो दिग्गजों ने बड़ी भूमिका निभाई और दिल्ली कैपिटल्स के कायापलट में इन दो दिग्गजों ने एक अहम भूमिका निभाई है।
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श्रेयस अय्यर की 'युवा सोच'
24 वर्षीय श्रेयस अय्यर ने साबित किया कि बतौर कप्तान इस सीजन वो कई दिग्गज खिलाड़ियों और कप्तान से बेहतर हैं। इस युवा खिलाड़ी ने लीडर और कप्तान के बीच के अंतर को अपनी लीडरशिप की बारीकियों से परिभाषित किया। श्रेयस को भले ही भारतीय टीम में बहुत मौके न मिले हों लेकिन वो आईपीएल-2019 के बाद कहीं चयनकर्ताओं के लिए एक 'सुखद सिरदर्द' बनने वाले हैं। उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स की टीम को बतौर कप्तान शानदार तरीके से लीड किया और अंतरराष्ट्रीय प्रतिभाओं से ठसाठस भरी इस आईपीएल में अपनी कई समझदार और सजग परियों से दिल्ली कैपिटल्स के टीम मैनजेमेंट के उस फैसले को सही साबित कर दिखाया जो पिछले साल टीम मैनजेमेंट ने लिया था। उन्होंने 15 मैचों में 450 रन बनाए हैं जिसमें 3 अर्धशतक शामिल हैं और कई पारी विषम परिस्थितियों में खेली गई हैं जो यह दर्शाती है कि बतौर कप्तान श्रेयस 24 की उम्र में बाकी खिलाड़ियों से कितने बेहतर हैं।
'गब्बर' के धमाके से दिल्ली की बदली 'पहचान'
किसी भी टीम की जीत में सबसे बड़ी भूमिका उनके ओपनर्स जोड़ी की होती है और दिल्ली कैपिटल्स की टीम को यह एक वरदान के तौर पर मिला। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शिखर धवन सनराइजर्स हैदराबाद से मिल रहे पैसों को लेकर बहुत खुश नहीं थे। वो नए फ्रेंचाइजी की तलाश में थे उन्हें 'घरवापसी' का मौका मिला और उन्होंने मानो ठान लिया हो कि इस टीम को आईपीएल का खिताब दिलाकर दम लेंगे। शिखर धवन ने अब तक खेले 15 मैचों में 503 रन बनाए हैं जिसमें 97* रनों की विस्फोटक पारी भी शामिल है। उन्होंने अब तक 5 अर्धशतक लगाए हैं जिनमें अब तक खेले गए मैचों में 61 चौके और 11 छक्के शामिल हैं। वहीं दिल्ली कैपिटल्स के लिए पृथ्वी शॉ ने भी कई धमाकेदार पारी खेली है। ऋषभ पंत इस टीम को मिडिल ऑर्डर में गजब की मजबूती देते हैं जो एक ओवर में मैच बदलने का माद्दा रखते हैं। 'गब्बर' ने इस टीम को हर मैच में तेज शुरुआत दी जिसके दम पर दिल्ली कैपिटल्स ने आईपीएल-2019 में एक नया मुकाम हासिल किया। अब दिल्ली के फैंस को इस बात का इंतजार है कि यह टीम पहली बार आईपीएल का खिताब जीत नया इतिहास लिख दे।
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